हल्दी और तुलसी रोकेगी मुख कैंसर
हल्दी और तुलसी रोकेगी मुख कैंसर
कैसे होता है इलाज- प्रो. टीपी चतुर्वेदी बताते हैं कि उनकी टीम द्वारा हल्दी और तुलसी की सूखी पलियों को पीसकर पाउडर बनाया जाता है। पाउडर को ग्लिसरीन में मिलाकर मुंह की मासपेशियों पर लगाया जाता है। प्रो. चतुर्वेदी के सहयोगी असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अदित बताते हैं कि पीड़ित व्यक्ति को इलाज के पूर्व गुटखा छोड़ना पड़ता है।
रोग के लक्षण- गुटखा खाने से मुंह खोलने वाली मासपेशियों का लचीलापन समाप्त हो जाता है और वो कड़ी हो जाती हैं। मुंह का खुलना धीरे-धीरे कम हो जाता है और मुंह से लेकर गले तक जलन होने लगती है। जीभ के घूमने की गति भी धीमी हो जाती है। स्वाद लेने की क्षमता कम हो जाती है। लापरवाही बरतने पर यही आगे चलकर मुख कैंसर में बदल सकता है। यह धीरे-धीरे गले को भी जकड़ लेता है। प्रो. चतुर्वेदी के अनुसार भारतीय युवाओं को यह रोग सर्वाधिक होता है क्योंकि युवा ही सर्वाधिक गुटखा खाते हैं।
तुलसी और हल्दी ही क्यों