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प्रसव के बाद माँ का स्वास्थ्य
- बच्चे के प्रसव के बाद माँ का शरीर थोड़ा गरम हो जाता है|
- लेकी न दूसरे दिन इसे पहले की हालत में आ जाना चाहिए
- उसे अब अधिक पौष्टिक भोजन चाहिए, अब उसे अपने बच्चे को भोजन भी अपने शरीर में ही पैदा करना है|
- इसके लिए अब फल,सब्जी, फलियों वाली सब्जियां पीले फल और सब्जियां मूगफली, दूध, अंडा, मुर्गी चाहिए|
- ऐसे ही भोजन खा कर वह अपने बच्चे का सही ढंग से दूध पिला पाएगी
- दूध और पानी
- दूध और पनीर के सेवन ससे उसके स्तनों में अधिक दूध बन जाता है
- प्रसव के कुछ दिनों के बाद उसे नहाना शुरू कर देना चाहिए
- वह साफ कपड़ा पहने, नहीं तो उसका बच्चा बीमार पड़ सकता है
- कभी-कभी प्रसव के बाद बुखार ठहर जाता है| ऐसा दाई या की सी अन्य व्यक्ति से छूत का लगना हो सकता है|
- योनि से खून या बदबूदार बहाव हो सकता है
- ऐसी हालत में योनि और जनन अंगों को गुनगुने पानी में थोड़ा सिरका या पोटाशियम परमेगनेट मिलाकर धोना चाहिए|
- अगर बुखार बना रहे तो डाक्टर की देख-रेख में इलाज कराएं
- कुछ स्त्रियाँ मानसिक रूप से निराश हो जाती हैं, उनमे डर समा जाता है|
स्तनों की देखभाल
- ऐसी हालत में परिवार के लोगों का स्नेह उसे चाहिए|
- यह माँ और बच्चा दोनों के हित में है की स्तनों की देख भाल ठीक ढंग से हो
- बच्चा के पैदा होते ही उसे स्तनपान कराना शुरू कर दें
- शुरू में बच्चा शायद स्तनों को ठीक दंग से न चूस सके लेकी न जल्दी ही वह सीख लेगा
- पहले दो दिन स्तनों से दूध निकलता है, उसे खीस कहते है
- खीस पानी की तरह पतला होता है
- माताएं समझती हा की खीस बच्चे को नुकसान पहुंचाता है, और खीस नहीं पिलाना चाहती हैं|
- सच तो यह है की खीस अमृत समान है
- खीस में सेहत ठीक करने वाली चीजें होती हैं
- पहले दिन दूध पिलाने से यह फायदा है की स्तनों से ज्यादा दूध मिलेगा
- आमतौर से स्तनों में इतना दूध बनता है जितना की बच्चे को जरूरत है
- बच्चा जितना ज्यादा दूध पिएगा, उतना ज्यादा दूध स्तनों में बनेगा
- अगर बच्चा बीमार पड़ता है और दूध नहीं पीता है तो स्तनों में दूध बनना बन्द हो जाता है|
- ऐसी हालत में माँ को चाहिए की वह बच्चे को दूध पिलाती रहें|
- अगर फिर बच्चा दूध न पीए तो माँ को चाहिए की एक-एक स्तन को बारी-बारी जड़ के पास दोनों हाथों से निचोड़ती रहे और दूध बाहर निकाल दें|
- इस क्रिया से स्तनों में दूध बनना बन्द नहीं होगा
- बीमार बच्चे को निचोड़ने से निकले दूध को चम्मच से पिलाएं
- अपने स्तनों को हमेशा साफ रखें, बच्चे को दूध पिलाने के पहले धो लें| इससे बच्चा छूत से बचेगा
- धोते समय ध्यान रखें की चूची पर पानी न लगे, चूची से कुछ ऐसी चीजें निकलती है, जो बच्चे को रोगों से सुरक्षा दिलाता है|
- अगर चूची में सूजन आ जाए या दरद हो तो दूध पिलाना बंद कर दें| एक दो दिन ऊपरी उबला दूध पिलाएं|