loading...
loading...

आयोडीन क्या है और क्या होता है अगर नही खाते है तो

पर्याप्त मात्रा में आयोडीन युक्त खाद्य-पदार्थ खायें/केवल आयोडीन युक्त लवण का ही उपयोग करें




  • अवटुहॉर्मोन की संरचना के लिये आयोडीन की आवश्यकता होती है।
  • शरीर की बढ़त तथा विकास के लिये अवटु हॉर्मोन आवश्यक होते हैं।
  • आयोडीन की अपर्याप्तता घेंघे (गलगंड), अवटु ग्रंथि की वृद्धि, की ओर ले जाती है।
  • आयोडीन की अपर्याप्तता से उत्पन्न रोगों (विकारों) का मुख्य कारण आहार तथा जल में आयोडीन का अभाव होता है।
  • गर्भावस्था की अवधि में आयोडीन की अपर्याप्तता होने के फलस्वरू प मृत प्रसव, गर्भपात तथा अवटुवामनता होती है।
  • आयोडीन युक्त लवण का उपयोग पर्याप्त आयोडीन अंतर्ग्रहण सुनिश्चित करता है।
  • खाये गये सभी खाद्य पदार्थ पूर्णत्र स्वच्छ तथा निरापद होने चाहिये
  • उत्तम स्वास्थ्य रखने के लिये निरापद तथा उत्तम गुणता युक्त खाद्य पदार्थ खाना महत्वपूर्ण है।
  • खाद्य-पदार्थों में, प्रकृति में पाये जाने वाले आविष, वातावरणीय संदूषक तथा अपमिश्रणीय वस्तुएँ विद्यमान होना स्वास्थ्य के लिये खतरनाक होता है।
  • असंरक्षित खाद्य-पदार्थ खाना, आहार द्वारा वाहित रोगों की ओर ले जाता है।
  • खाद्य-पदार्थ केवल विश्वसनीय स्रोतों से ध्यानपूर्वक जाँच-परख कर ही खरीदें।
  • उपयोग करने से पूर्व, फलों, सब्जियों, तरकारियों को भलीभाँति धो लें।
  • भंडार में कच्चे तथा पकाये हुए खाद्य पदार्थ सही ढ़ंग से संग्रह करें तथा रोगाणुकों, कृतकों तथा कीड़ों का आक्रमण रोकें।
  • उपभोग होने तक विकारीय भोज्य पदार्थ प्रशीतित करें।
  • अपना व्यक्तिगत स्वास्थ्य उत्तम बनाये रखें तथा रसोई घर तथा खाद्य-पदार्थ भंडार क्षेत्र स्वच्छ तथा निरापद रखें।
  • स्वास्थ्यकर तथा सुस्पष्ट आहारी संकल्पनाएँ तथा पाक-क्रियाएँ अपनायी जानी चाहिये
  • आहारी रिवाजों में सांस्कृतिक कारकों की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
  • आहार संबंधी दोष पूर्ण विश्वासों, सनक और कट्टरता से पोषण तथा स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
  • पाक-क्रियाएँ भोजन को स्वादिष्ट बनाती है तथा आसानी से पचाने में सहायक होती है।
  • पाक-क्रियाओं से हानिकारक कीटाणु नष्ट हो जाते हैं।
  • दोषपूर्ण पाक-क्रियाएँ अपनाने की आदतें पोषकों की हानि की ओर ले जाती है।
  • उच्च तापमान पर खाना पकाना पोषकों को विनाश की ओर ले जाता है तथा खाने में हानिकारक पदार्थ पैदा करता है।
  • खाद्य-पदार्थ के बारे में सनक और कट्टरता से बचें तथा भ्राँति पूर्ण विश्वासों को त्याग दें।
  • पकाने से पूर्व अनाज को बार-बार न धोयें।
  • काटने के बाद सब्जियों-तरकारियों को न धोयें।
  • कटी हुई सब्जियों तरकारियों को लंबी अवधि तक पानी में भिगो कर न रखें।
  • पकाने के बाद बचा हुआ अतिरिक्त जल न फेकें ।
  • खाना पकाते समय बर्तनों को ढक्कन से ढँका रखें।
  • अधिक घी / तेल में तलने /भूनने की अपेक्षा प्रेशर कुकर /वाष्प में पकाना अधिक अच्छा होता है।
  • अँकुरित /किण्वित खाद्य पदार्थों के उपयोग को प्रोत्साहित करें।
  • दालों / सब्जियों को पकाते समय सोडे का उपयोग करने से बचें।
  • बचे हुए शेष तेलों को बार-बार न गर्म करें।
Theme images by konradlew. Powered by Blogger.