काला धतूरा THORN APPLE
परिचय :
धतूरा के पौधे लगभग सभी जगह पाए जाते हैं और यह आसानी से नहीं मिलते हैं। काले धतूरे में सफेद फूल लगते हैं जो गोल घण्टे के आकार की होते हैं। इसके पत्ते कोमल व मुलायम होते हैं। इसके फल सेब की तरह गोल होते हैं और फल के ऊपर छोटे-छोटे कांटे होते हैं। धतूरे चार प्रकार के होते हैं- काला, सफेद, नीला व पीला। काले धतूरे का रंग गहरे काले रंग का होता है और इसके पत्ते, डंडी व फूल भी काले ही होते हैं।
विभिन्न भाषाओं मे धतूरे का नाम :
हिन्दी धतूरा।
अंग्रेजी थोर्न एपल।
संस्कृत धतूर, धूर्त।
बंगाली धतूरा।
मराठी धोतरा।
गुजराती धतूरो।
विभिन्न रोगों में उपचार :
इसके सेवन की मात्रा एक ग्राम के चौथाई हिस्से तक की होती है, लेकिन इस काले धतूरे का प्रयोग बगैर चिकित्सक के निर्देशन में करना खतरनाक हो सकता है।
1. सूजन: धतूरे के पत्तों का रस, अफीम व सोंठ को मिलाकर पीस लें और इसका लेप हाथ-पैर करें। इससे सूजन दूर होती है। इससे वात के कारण आई सूजन व दर्द भी दूर होता है।
2. सांस रोग: धतूरे को धूम्रपान की तरह सेवन करने से सांस रोग दूर होता है।
3. इसके बीजों का बाह्य प्रयोग बालों में होनेवाले जूओं को नष्ट करता है।
4. इसके पत्तों की लुगदी बनाकर बिच्छु के काटे घाव पर लगा देने से आराम मिलता है।
5. इसके बीजों को अकरकरा और लौंग के साथ मिलाकर पीसकर गोलियों के रूप में प्रयोग कराने सेक्स-पावर को बढाया जा सकता है
हिन्दी धतूरा।
अंग्रेजी थोर्न एपल।
संस्कृत धतूर, धूर्त।
बंगाली धतूरा।
मराठी धोतरा।
गुजराती धतूरो।
विभिन्न रोगों में उपचार :
इसके सेवन की मात्रा एक ग्राम के चौथाई हिस्से तक की होती है, लेकिन इस काले धतूरे का प्रयोग बगैर चिकित्सक के निर्देशन में करना खतरनाक हो सकता है।
1. सूजन: धतूरे के पत्तों का रस, अफीम व सोंठ को मिलाकर पीस लें और इसका लेप हाथ-पैर करें। इससे सूजन दूर होती है। इससे वात के कारण आई सूजन व दर्द भी दूर होता है।
2. सांस रोग: धतूरे को धूम्रपान की तरह सेवन करने से सांस रोग दूर होता है।
3. इसके बीजों का बाह्य प्रयोग बालों में होनेवाले जूओं को नष्ट करता है।
4. इसके पत्तों की लुगदी बनाकर बिच्छु के काटे घाव पर लगा देने से आराम मिलता है।
5. इसके बीजों को अकरकरा और लौंग के साथ मिलाकर पीसकर गोलियों के रूप में प्रयोग कराने सेक्स-पावर को बढाया जा सकता है