एक ऐसा गांव जहां पुरुषों का आना है पूरी तरह से प्रतिबंधित
यह अपने आप में अजब खबर है। लेकिन यह सच है। केन्या के समबुरु का उमोजा नामक गांव केवल महिलाओं का गांव है। या यूं कहें कि यहां केवल महिलाएं रहती हैं। यहां पर पिछले 25 सालों से कोई भी पुरुष नहीं है। दैनिक भास्कर में छपी खबर के मुताबिक, इस गांव में पुरुषों के रहने पर पाबंदी है। 1990 में इस गांव को 15 ऐसी महिलाओं के रहने के लिए चुना गया जिनके साथ स्थानीय ब्रिटिश जवानों ने रेप किया था। इसके बाद ये गांव पुरुष प्रधान समाज में हिंसा की शिकार हुई महिलाओं के रहने का ठौर बन गया।
इसके बाद से ही इस गांव में रेप, बाल विवाह, घरेलू हिंसा और खतना जैसी तमाम हिंसा झेलनी वाली महिलाएं यहां रह रही हैं। राजधानी नैरोबी से 380 किमी दूरी पर समबुरू काउंटी में मौजूद इस गांव में इस वक्त करीब 250 महिलाएं और बच्चे रह रहे हैं।
वे गांव में प्राइमरी स्कूल और कल्चरल सेंटर के अलावा सामबुरू नेशनल पार्क देखने आने वाले टूरिस्ट्स के लिए कैंपेन साइट चला रही हैं। इतना ही नहीं, वे पारंपरिक जूलरी भी बनाकर बेचती हैं। इस गांव की अपनी वेबसाइट भी है।
गांव की महिलाओं को इन संस्थाओं के जरिए नियमित आमदनी होती है। इससे उनकी कपड़े, खाने और रोजमर्रा की बाकी जरूरतें पूरी होती हैं। गांव की मुखिया नदी के किनारे कैंपसाइट चलाती हैं। यहां सफारी घूमने आने वाले टूरिस्ट्स का ग्रुप रुकता है। सफारी घूमने आने वाले टूरिस्ट्स गांव भी देखने आते हैं। इनसे एंट्रेंस गेट पर गांव की महिलाओं द्वारा एंट्री फीस ली जाती है
इसके बाद से ही इस गांव में रेप, बाल विवाह, घरेलू हिंसा और खतना जैसी तमाम हिंसा झेलनी वाली महिलाएं यहां रह रही हैं। राजधानी नैरोबी से 380 किमी दूरी पर समबुरू काउंटी में मौजूद इस गांव में इस वक्त करीब 250 महिलाएं और बच्चे रह रहे हैं।
वे गांव में प्राइमरी स्कूल और कल्चरल सेंटर के अलावा सामबुरू नेशनल पार्क देखने आने वाले टूरिस्ट्स के लिए कैंपेन साइट चला रही हैं। इतना ही नहीं, वे पारंपरिक जूलरी भी बनाकर बेचती हैं। इस गांव की अपनी वेबसाइट भी है।
गांव की महिलाओं को इन संस्थाओं के जरिए नियमित आमदनी होती है। इससे उनकी कपड़े, खाने और रोजमर्रा की बाकी जरूरतें पूरी होती हैं। गांव की मुखिया नदी के किनारे कैंपसाइट चलाती हैं। यहां सफारी घूमने आने वाले टूरिस्ट्स का ग्रुप रुकता है। सफारी घूमने आने वाले टूरिस्ट्स गांव भी देखने आते हैं। इनसे एंट्रेंस गेट पर गांव की महिलाओं द्वारा एंट्री फीस ली जाती है