दमा (Asthma) के कारण और उपाय
1) 100 ग्राम दूध में लहसुन की पांच कलियां धीमी आँच पर उबाकर इस का हर रोज दिन में दो बार सेवन करें इससे दमे में काफी फायदा मिलता है।
2) तुलसी के 10-15 पत्ते पानी से साफ़ कर लें फ़िर उन पर काली मिर्च का पावडर बुरककर खाने से दमा मे आराम मिल जायेगा।
3) एक पके केले में चाकू से लम्बाई में चीरा लगाकर उसमें एक चौथाई छोटा चम्मच महीन पीसी काली मिर्च भर दें। फिर उसे 2-3 घंटे बाद हल्की आँच में छिलके सहित भून लें। ठंडा होने पर केले का छिलका निकालकर केला खा लें। एक माह में ही दमें में खूब लाभ होगा।
4) लहसुन की दो पिसी कलियां और अदरक की गरम चाय पीने से भी अस्थमा नियंत्रित रहता है। इस चाय का सेवन सबेरे और शाम करना चाहिए।
5) जब भी दूध पियें हल्दी मिला कर ही पियें।
ठण्ड धूल धुएं से बच कर रहें एवम् इन्हेलर का प्रयोग कम करने की कोशिश करें यह एक आदत बन जाती है तो फिर इसके बिना रहा नहीं जाता है।
4) लहसुन की दो पिसी कलियां और अदरक की गरम चाय पीने से भी अस्थमा नियंत्रित रहता है। इस चाय का सेवन सबेरे और शाम करना चाहिए।
5) जब भी दूध पियें हल्दी मिला कर ही पियें।
ठण्ड धूल धुएं से बच कर रहें एवम् इन्हेलर का प्रयोग कम करने की कोशिश करें यह एक आदत बन जाती है तो फिर इसके बिना रहा नहीं जाता है।
आज बहुत से लोग सांस की बीमारी से ग्रसित हैं और उनके पास कोई हल नहीं हैं, इसलिए ये पोस्ट उनके लिए रामबाण हैं, तो आप इसको ज़रूर शेयर कीजिये।
दमा (Asthma) आज के प्रदूषण भरे वातावरण की देन हैं।
दमा वस्तुतः एलर्जी के कारण होता है। जब श्वसनी (bronchus) में हवा भर जाता है तब फेफड़ों में सूजन होने लगता है जिसके फलस्वरूप साँस लेने में मुश्किल होने लगती हैं। फेंफड़ो के अंदर जाने वाला वायु मार्ग छोटा या संकीर्ण हो जाने के कारण दमा का एटैक होता है। तब लोग सामान्य साँस भी जोर-जोर से लेने लगते हैं और नाक से जब साँस लेना दूभर हो जाता है तब मुँह से साँस लेने लगते हैं। दमा के रोगी को साँस लेने से ज़्यादा साँस छोड़ने में मुश्किल होती है। एलर्जी के कारण श्वसनी में बलगम पैदा हो जाता है जो कष्ट को और भी बढ़ा देता है। एलर्जी के कारण दमा होने के बहुत से कारणों में से कुछ इस प्रकार है-
• घर के धूल भरे वातावरण के कारण
• घर के पालतू जानवरों के कारण
• रास्ते के धुँए और धूल के कारण
• सुगंधित सौन्दर्य (perfumed cosmetics) प्रसाधनों के कारण
• सर्दी, फ्लू, ब्रोंकाइटिस (bronchitis) और साइनसाइटिस (sinusitis) के संक्रमण के कारण
• ध्रूमपान करने के कारण
• अधिक मात्रा में शराब पीने के कारण
• व्यक्ति विशेष के कुछ विशेष खाद्द-पदार्थों से एलर्जी के कारण
• महिलाओं में हार्मोनल बदलाव के कारण
• कुछ विशेष प्रकार के दवाओं के कारण
• सर्दी के मौसम में ज़्यादा ठंड पड़ जाने के कारण
एलर्जी के बिना भी दमा का रोग शुरू हो सकता हैं-
• तनाव या भय के कारण
• अतिरिक्त मात्रा में प्रोसेस्ड या जंक फूड खाने के कारण
• ज़्यादा नमक खाने के कारण
• आनुवांशिकता (heredity) के कारण आदि।
लक्षण-
दमा के लक्षण की बारे में बात करते ही पहली बात जो मन में आती है, वह है साँस लेने में कठिनाई। दमा का रोग या तो अचानक शुरू होता है या खाँसी, छींक या सर्दी जैसे एलर्जी वाले लक्षणों से शुरू होता है।
• साँस लेने में कठिनाई होती है
• सीने में जकड़न जैसा महसूस होता है
• दमा का रोगी जब साँस लेता है तब एक घरघराहट जैसा आवाज होती है
• साँस तेज लेते हुए पसीना आने लगता है
• बेचैनी-जैसी महसूस होती है
• सिर भारी-भारी जैसा लगता है
• जोर-जोर से साँस लेने के कारण थकावट महसूस होती है
• स्थिति बिगड़ जाने पर उल्टी भी हो सकती है आदि।
घरेलु उपचार-
1. एक लीटर पानी में दो बड़ा चम्मच मेथी के दाने डालकर आधा घंटे तक उबालें, उसके बाद इसको छान लें। दो बड़े चम्मच अदरक का पेस्ट एक छलनी में डालकर उस रस निकाल कर मेथी के पानी में डालें। उसके बाद एक चम्मच शुद्ध शहद इस मिश्रण में डालकर अच्छी तरह से मिला लें। दमा के रोगी को यह मिश्रण प्रतिदिन सुबह पीना चाहिए। पढ़े- वायरल फीवर से राहत पाने के छह घरेलु उपचार
2. दो छोटे चम्मच आंवला का पावडर एक कटोरी में ले और उसमें एक छोटा चम्मच शहद डालकर अच्छी तरह से मिला लें। हर रोज सुबह इस मिश्रण का सेवन करें।
3. एक कटोरी में शहद लें और उसको सूंघने से दमा के रोगी को साँस लेने में आसानी होती है।
4. ज़रूरत के अनुसार सरसों के तेल में कपूर डालकर अच्छी तरह से गर्म करें। उसको एक कटोरी में डालें। फिर वह मिश्रण थोड़ा-सा ठंडा हो जाने के बाद सीने और पीठ में मालिश करें। दिन में कई बार से इस तेल से मालिश करने पर दमा के लक्षणों से कुछ हद तक आराम मिलता है।
5. लहसुन फेफड़ो के कंजेस्चन को कम करने में बहुत मदद करता है। दस-पंद्रह लहसुन का फाँक दूध में डालकर कुछ देर तक उबालें। उसके बाद एक गिलास में डालकर गुनगुना गर्म ही पीने की कोशिश करें। इस दूध का सेवन दिन में एक बार करना चाहिए।
6. गरमागरम कॉफी पीने से भी दमा के रोगी को आराम मिलता है। क्योंकि यह श्वसनी के मार्ग को साफ करके साँस लेने की प्रक्रिया को आसान करता है।
7. एक कटोरी में एक छोटा चम्मच अदरक का रस, अनार का रस और शहद डालकर अच्छी तरह से मिला लें। उसके बाद एक बड़ा चम्मच इस मिश्रण का सेवन दिन में चार से पाँच बार करने से दमा के लक्षणों से राहत मिलती है।
8. अर्जुन की छाल का चूर्ण एक छोटा चम्मच गाय के दूध में या पानी में इतना उबाले के पानी आधा रह जाए, और इस को हर रोज़ रात को सोते समय पिए। इसमें एक चुटकी भर दाल चीनी भी डाल दे।
9. जब भी दूध पिए देसी गाय का ही पिए और इसमें अम्बा हल्दी एक चुटकी डाल कर पिए।
10. इस के साथ में आज कल बाजार में कुछ आयुर्वेद कंपनिया कुछेक प्रोडक्ट ले कर आई हैं, जिन्हे मैंने खुद कई मरीजों पर इस्तेमाल किया हैं और उस के बहुत ही पॉजिटिव रिजल्ट मिले हैं, आप ये भी ज़रूर इस्तेमाल करे। ये हैं एलो वेरा, नोनी जूस, तुलसी, सी बकथॉर्न फ्रूट जूस, और स्पिरिलुना।
सुबह खाली पेट एक गिलास पानी में ३० मिली एलो वेरा, ३० मिली नोनी जूस, १० मिली सी बकथॉर्न जूस डाल कर एक गोली स्पिरिलुना खाइये। ये ३ महीने तक करना हैं, और ये प्रयोग अनेक लोगो पर सफलता पूर्वक आज़माया हैं।
इनकी डिमांड हमारे पास बहुत आती हैं बहुत सी कंपनिया इनको बना रही हैं, और हम भी थोड़े दिनों में ये प्रोडक्ट आपको ऑनलाइन प्रोवाइड करवा देंगे। अगले महीने तक हम ऑनलाइन आयुर्वेद का स्टोर खोल रहे हैं जहा सभी भारतीय आयुर्वेद की कम्पनियो के सभी उत्पाद आपको मिल जाएंगे।
साधरणतः जाड़े के मौसम में ठंड के कारण दमा का रोग भयंकर रूप धारण करता है। इसलिए इस समय इन घरेलु उपचारों के सहायता से दमा रोग काबु में किया जा सकता है, साथ ही कुछ बातों पर ध्यान से दमा रोग को बढ़ने से रोका जा सकता है-
• घर को हमेशा साफ रखें ताकि धूल से एलर्जी की संभावना न हो
• योग-व्यायाम और ध्यान (meditation) के द्वारा खुद को शांत रखें
• मुँह से साँस न लें क्योंकि मुँह से साँस लेने पर ठंड भीतर चला जाता है जो रोग को बढ़ाने में मदद करता है
दमा वस्तुतः एलर्जी के कारण होता है। जब श्वसनी (bronchus) में हवा भर जाता है तब फेफड़ों में सूजन होने लगता है जिसके फलस्वरूप साँस लेने में मुश्किल होने लगती हैं। फेंफड़ो के अंदर जाने वाला वायु मार्ग छोटा या संकीर्ण हो जाने के कारण दमा का एटैक होता है। तब लोग सामान्य साँस भी जोर-जोर से लेने लगते हैं और नाक से जब साँस लेना दूभर हो जाता है तब मुँह से साँस लेने लगते हैं। दमा के रोगी को साँस लेने से ज़्यादा साँस छोड़ने में मुश्किल होती है। एलर्जी के कारण श्वसनी में बलगम पैदा हो जाता है जो कष्ट को और भी बढ़ा देता है। एलर्जी के कारण दमा होने के बहुत से कारणों में से कुछ इस प्रकार है-
• घर के धूल भरे वातावरण के कारण
• घर के पालतू जानवरों के कारण
• रास्ते के धुँए और धूल के कारण
• सुगंधित सौन्दर्य (perfumed cosmetics) प्रसाधनों के कारण
• सर्दी, फ्लू, ब्रोंकाइटिस (bronchitis) और साइनसाइटिस (sinusitis) के संक्रमण के कारण
• ध्रूमपान करने के कारण
• अधिक मात्रा में शराब पीने के कारण
• व्यक्ति विशेष के कुछ विशेष खाद्द-पदार्थों से एलर्जी के कारण
• महिलाओं में हार्मोनल बदलाव के कारण
• कुछ विशेष प्रकार के दवाओं के कारण
• सर्दी के मौसम में ज़्यादा ठंड पड़ जाने के कारण
एलर्जी के बिना भी दमा का रोग शुरू हो सकता हैं-
• तनाव या भय के कारण
• अतिरिक्त मात्रा में प्रोसेस्ड या जंक फूड खाने के कारण
• ज़्यादा नमक खाने के कारण
• आनुवांशिकता (heredity) के कारण आदि।
लक्षण-
दमा के लक्षण की बारे में बात करते ही पहली बात जो मन में आती है, वह है साँस लेने में कठिनाई। दमा का रोग या तो अचानक शुरू होता है या खाँसी, छींक या सर्दी जैसे एलर्जी वाले लक्षणों से शुरू होता है।
• साँस लेने में कठिनाई होती है
• सीने में जकड़न जैसा महसूस होता है
• दमा का रोगी जब साँस लेता है तब एक घरघराहट जैसा आवाज होती है
• साँस तेज लेते हुए पसीना आने लगता है
• बेचैनी-जैसी महसूस होती है
• सिर भारी-भारी जैसा लगता है
• जोर-जोर से साँस लेने के कारण थकावट महसूस होती है
• स्थिति बिगड़ जाने पर उल्टी भी हो सकती है आदि।
घरेलु उपचार-
1. एक लीटर पानी में दो बड़ा चम्मच मेथी के दाने डालकर आधा घंटे तक उबालें, उसके बाद इसको छान लें। दो बड़े चम्मच अदरक का पेस्ट एक छलनी में डालकर उस रस निकाल कर मेथी के पानी में डालें। उसके बाद एक चम्मच शुद्ध शहद इस मिश्रण में डालकर अच्छी तरह से मिला लें। दमा के रोगी को यह मिश्रण प्रतिदिन सुबह पीना चाहिए। पढ़े- वायरल फीवर से राहत पाने के छह घरेलु उपचार
2. दो छोटे चम्मच आंवला का पावडर एक कटोरी में ले और उसमें एक छोटा चम्मच शहद डालकर अच्छी तरह से मिला लें। हर रोज सुबह इस मिश्रण का सेवन करें।
3. एक कटोरी में शहद लें और उसको सूंघने से दमा के रोगी को साँस लेने में आसानी होती है।
4. ज़रूरत के अनुसार सरसों के तेल में कपूर डालकर अच्छी तरह से गर्म करें। उसको एक कटोरी में डालें। फिर वह मिश्रण थोड़ा-सा ठंडा हो जाने के बाद सीने और पीठ में मालिश करें। दिन में कई बार से इस तेल से मालिश करने पर दमा के लक्षणों से कुछ हद तक आराम मिलता है।
5. लहसुन फेफड़ो के कंजेस्चन को कम करने में बहुत मदद करता है। दस-पंद्रह लहसुन का फाँक दूध में डालकर कुछ देर तक उबालें। उसके बाद एक गिलास में डालकर गुनगुना गर्म ही पीने की कोशिश करें। इस दूध का सेवन दिन में एक बार करना चाहिए।
6. गरमागरम कॉफी पीने से भी दमा के रोगी को आराम मिलता है। क्योंकि यह श्वसनी के मार्ग को साफ करके साँस लेने की प्रक्रिया को आसान करता है।
7. एक कटोरी में एक छोटा चम्मच अदरक का रस, अनार का रस और शहद डालकर अच्छी तरह से मिला लें। उसके बाद एक बड़ा चम्मच इस मिश्रण का सेवन दिन में चार से पाँच बार करने से दमा के लक्षणों से राहत मिलती है।
8. अर्जुन की छाल का चूर्ण एक छोटा चम्मच गाय के दूध में या पानी में इतना उबाले के पानी आधा रह जाए, और इस को हर रोज़ रात को सोते समय पिए। इसमें एक चुटकी भर दाल चीनी भी डाल दे।
9. जब भी दूध पिए देसी गाय का ही पिए और इसमें अम्बा हल्दी एक चुटकी डाल कर पिए।
10. इस के साथ में आज कल बाजार में कुछ आयुर्वेद कंपनिया कुछेक प्रोडक्ट ले कर आई हैं, जिन्हे मैंने खुद कई मरीजों पर इस्तेमाल किया हैं और उस के बहुत ही पॉजिटिव रिजल्ट मिले हैं, आप ये भी ज़रूर इस्तेमाल करे। ये हैं एलो वेरा, नोनी जूस, तुलसी, सी बकथॉर्न फ्रूट जूस, और स्पिरिलुना।
सुबह खाली पेट एक गिलास पानी में ३० मिली एलो वेरा, ३० मिली नोनी जूस, १० मिली सी बकथॉर्न जूस डाल कर एक गोली स्पिरिलुना खाइये। ये ३ महीने तक करना हैं, और ये प्रयोग अनेक लोगो पर सफलता पूर्वक आज़माया हैं।
इनकी डिमांड हमारे पास बहुत आती हैं बहुत सी कंपनिया इनको बना रही हैं, और हम भी थोड़े दिनों में ये प्रोडक्ट आपको ऑनलाइन प्रोवाइड करवा देंगे। अगले महीने तक हम ऑनलाइन आयुर्वेद का स्टोर खोल रहे हैं जहा सभी भारतीय आयुर्वेद की कम्पनियो के सभी उत्पाद आपको मिल जाएंगे।
साधरणतः जाड़े के मौसम में ठंड के कारण दमा का रोग भयंकर रूप धारण करता है। इसलिए इस समय इन घरेलु उपचारों के सहायता से दमा रोग काबु में किया जा सकता है, साथ ही कुछ बातों पर ध्यान से दमा रोग को बढ़ने से रोका जा सकता है-
• घर को हमेशा साफ रखें ताकि धूल से एलर्जी की संभावना न हो
• योग-व्यायाम और ध्यान (meditation) के द्वारा खुद को शांत रखें
• मुँह से साँस न लें क्योंकि मुँह से साँस लेने पर ठंड भीतर चला जाता है जो रोग को बढ़ाने में मदद करता है