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गर्भवस्था

गर्भवस्था के लक्षण

  • स्त्री का मासिक धरम रुक जाता है
  • सुबह-सुबह चक्कर का आना
  • उल्टी होने जैसा महसूस करना
  • दूसरे या तीसरे महीने तकलीफ बढ़ जाती है
  • स्तर भारी होने लगता है, उसकी चमड़ी पर लाली आ जाती है और चमक बढ़ जाती है
  • बार बार पेशाब लगती है
  • पैर बड़ा हो जाता है
  • चेहरे, छाती और पेट पर गहरे रंग की झैएयाँ या धब्बे निकल आते हैं|
  • पांचवे महीने बच्चा गर्भाशय में हिलने डुलने लगता है
  • छठे महीने बच्चे के अंग सही हालत में हो जाते है|
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गर्भावस्था में स्वस्थ कैसे रहें

  • यह बहुत जरूरी है की वजन बढ़ाया जाए, इसके लिए सेहतमन्द भोजन की जरूरत है|
  • आप के भोजन में पूरी मात्रा में साग-सब्जी, दाल, अंडा, मांस, मछली, दूध, घी हो|
  • गर्भावस्था के छठे महीने के बाद आपको आराम की जरूरत होगी|  रात में कम से कम आठ घंटे सोएं| दोपहर में भी दो घंटे सो लें|
  • वैसे नमक का इस्तेमाल करें जिसमें आयोडिन मिला है|  नहीं तो बच्चे के जीवन पर खतरा हो सकता है|
  • साफ-सुथरा रहें| रोज नहाएं| दांतों को साफ रखें|
  • आखिरी महीने में मैथुन न करें| छूत लग सकता है
  • कोशिश करें की कोई दवा लेने की जरूरत न पड़े कुछ दवाईयां पेट में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंचा सकती है|
  • डाक्टर की सलाह पर ही कोई दवा लें
  • विटामिन की गोलियां और खून में लौह तत्व, फालिक एसिड की गोलियां लेनी चाहिए|
  • आरामदेह कपड़े पहने
  • बीड़ी,हुक्का या सिगरेट न पिएं
  • शराब भी न पिएं 
  • उन बच्चों से दूर रहें जिन्हें खसरा हो गया है
  • घर का काम करते रहना चाहिए, लेकी न ध्यान रहे की थकावट न हो
  • जहरीली चीजों और रसायन से बचें
  • कीटनाशक दवाओं से भी बचें|

गर्भावस्था की छोटी-छोटी परेशानियाँ

  • चक्कर आना या उल्टियां-यह सुबह के समय अधिक महसूस होता है
  • दूसरे-तीसरे महीने असर ज्यादा होता है|
  • सुबह के समय एक आधा रोटी खा लेने से आराम मिलता| एक ही समय अधिक भोजन करने से ज्यादा जरूरत है, थोड़ी-थोड़ी देर बाद थोड़ा भोजन लेना|
  • अगर मामला खतरनाक हो तो उल्टी रोकने वाली दवा ले लेनी चाहिए|
  • अक्सरहाँ तीसरे महीने के बाद उल्टियां आना रुक जाती है|  अगर आती है और पांव में सूजन भी हो जाती है तो डाक्टरी सलाह लेनी चाहिए|
  • कभी-कभी नाभि या छाती में जलन होती है| अच्छा है की उस समय थोड़ा दूध पी लें|
  • दिन में पावों को ऊपर रख कर बैठें, नही तो सूजन हो सकती है|
  • नमक का इस्तेमाल कम कर दें
  • ज्यादा सूजन हो जाने पर डाक्टर की सलह लें
  • सूजन होने का कारण खून की कमी भी हो सकती है|  नियम से फालिक एसिड की गोलियां लें|
  • कमर के निचले हिस्से में भी दरद हो सकता है सपाट बिस्तर या चौकी पर ही सोना चाहिए|
  • खून की कमी एक आम समस्या है
  • हरी पत्तियों वाले सागों का खूब इस्तेमाल करना चाहिए
  • साथ में फलियां, दूध, अंडा के भी सेवन करना चाहिए
  • आपके स्वास्थ्य से ही बच्चे का स्वास्थ्य ठीक रहता है आप गर्भावस्था में बच्चे के स्वास्थ्य रहने के लिए भी भोजन लेती है|
  • पैरों में खून की नालियां मोटी हो जाती है, क्योंकी उस पर बच्चे का वजन पड़ता है
  • सूजन से आराम पाने के लिए पैरों में पट्टियाँ बांधे| रात के समय पट्टियाँ हटा दें
  • गर्भवस्थ में बवासीर भी एक समस्या बन जाती है| 
  • अगर बहुत दरद होता है तो टब में पानी भर दें उसमें लाल दवा (पोटेशियम पर मैगनेट) मिला दें और करीब आधा घंटा दिन में तीन बार बैठें| आराम मिलेगा|
  • कब्ज भी हो जाता है| चोकर वाली रोटियां खाएं| दिन भर खूब पानी पिएं|
  • योनि से पानी बहने लगता है| कभी-कभी यह पीला ओर बदबूदार भी होता है|  योनि वाले हिस्से को कई बार साफ पानी से धोएँ|
  • बदन में अकड़न या ऐंठन भी हो जाती है| आराम के लिए मालिस करें|

गर्भावस्था के खतरनाक लक्षण

  • योनि से थोड़ा भी खून निकले तो खतरे का लक्षण होता है
  • गर्भ गिर भी सकता है, डाक्टर से सलाह कर दवा लें
  • खून कई भारी कमी हो सकती है
  • आप कमजोर हो जाती हैं, काफी थकान लगता है|
  • तुरत इलाज कई जरूरत है, भोजन पौष्टिक चीजें लें, खून कई कमी दूर करने वाली दवाएं भी लें|
  • पावों, हाथों और चेहरे कई सूजन के साथ-साथ अगर सिर दरद और चक्कर भी आवे तो तुरत डाक्टरी इलाज करावें|
  • जरूरी है पौष्टिक भोजन, खून बढ़ाने वाली दवाइयाँ और आराम
  • स्वास्थ्य केन्द्र में हर महीने जांच करावें
  • प्रशिक्षित दाई कई सलाह लेती रहें
  • आखिरी महीने में हर हफते जांच करवाएं|

खुद जाने, जानकारियों को बांटे

  • ढंग का खाना
  • पोषण देने वाला खाना, अनाज, दालें, हरी पीली सब्जियां और पफल, अंडा दूध|
  • खून कई कमी दूर करने वाली हरी साग, पालक, मूली का पत्ता, लाल साग-चौलाई| साथ ही साथ फौलिक एसिड कई गोलियां|
  • अगर गर्भावस्था में आपका वजन बढ़ रहा है तो समझें अच्छा भोजन मिल रहा है
  • आपका वजन नौ महीने में आठ से दस की लो बढ़ना चाहिए
  • अगर अंतिम महीने में ही एक-एक बहुत वजन बढ़ जाए तो यह खतरे कई निशानी है|
  • दवाओं का बिलकुल नहीं या कम इस्तेमाल करें विटामिन और खून बढानें वाली दवाएं लेती रहें
  • हुक्का-बीड़ी, सिगरेट, शराब बिलकुल ही न लें|
  • टेटनस के टीके जरूर लें:
-          पहला टीका      - चौथे से छठे महीने के बीच
-          दूसरा टीका      -पहले टीके के चार हपते बाद
-          तीसरा टीका     - दूसरे टीके के छ महीने बाद
-          चौथा टीका       - तीसरे टीका में एक साल बाद
-          पांचवा टीका     - चौथे टीके के एक साल बाद

खतरे के लक्षण

-          पेशाब करने में जलन
-          जल्दी-जल्दी पेशाब आना
-          पेशाब के साथ खून या पीब आना
-          एकाएक वजन बढ़ना
-          हाथों और चेहरे कई सूजन
-          रक्त चाप (ब्लड प्रेशर) का बढ़ना
-          खून कई बहुत ज्यादा कमी
-          योनि से खून का बहाव
-          पेशाब में चीनी का होना
-          पेशाब में प्रोटीन
हर हालत में डाक्टरी सहायता लें
गर्भाशय (बच्चे दानी)में बच्चे कई हालत

  • हर माह यह देखें की बच्चा की तना बढ़ रहा है, नाभि से ऊपर की  तरफ की तना और नीचे की तरफ की तना बढा|
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