बारिश के बाद बीमारियों की बौछार, संभलकर रहें
इससे पहले कि मानसून अपने चरम पर आए, बारिश के बाद होने वाली बीमारियों से बचने की तैयारी अभी से शुरू कर दें। यूं भी डेंगू, चिकुनगुनिया, मलेरिया, डायरिया व टायफॉयड के मामले सामने आने शुरू हो गए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार संतुलित भोजन खाना और उबला हुआ पानी पीना बारिश के दिनों में सेहतमंद रहने का कारगर मंत्र है।
ये रोग करते हैं परेशान
विशेषज्ञों के अनुसार मानसून में होने वाले रोगों को हवा, पानी और मच्छर से होने वाली समस्याओं की श्रेणियों में बांटा जा सकता है। यूं ये किसी को भी हो सकते हैं, पर इस मौसम में खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों को सावधान रहने की जरूरत होती है। मानसून संबंधी रोग उन लोगों को अधिक होते हैं, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। इसके अलावा एलर्जी, उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, टीबी, दमा, हार्ट, एचआईवी, एड्स, हैपेटाइटिस व एनीमिया के मरीजों के अलावा कुपोषण के शिकार लोगों को खास एहतियात बरतनी चाहिए।
रोकथामउबला हुआ या क्लोरिनेटेड पानी पिएं।
ताजे फल-सब्जियां व घर में बना हुआ खाना खाएं।
सड़क किनारे बिकने वाले खुले में रखे खाद्य पदार्थो को खाने से परहेज करें।
ठंडे पानी की रेहड़ियों, रेस्तरां व होटल इत्यादि में पानी के लिए इस्तेमाल की जाने वाली बर्फ भी संक्रमण का प्रमुख कारण है। उबला हुआ या बोतल बंद पानी ही पिएं।
खाना खाने से पहले व शौचालय जाने के बाद निश्चित रूप से हाथ धोएं।
एल्कोहलयुक्त सेनिटाइजर इस्तेमाल करें।
ताजे फल-सब्जियां व घर में बना हुआ खाना खाएं।
सड़क किनारे बिकने वाले खुले में रखे खाद्य पदार्थो को खाने से परहेज करें।
ठंडे पानी की रेहड़ियों, रेस्तरां व होटल इत्यादि में पानी के लिए इस्तेमाल की जाने वाली बर्फ भी संक्रमण का प्रमुख कारण है। उबला हुआ या बोतल बंद पानी ही पिएं।
खाना खाने से पहले व शौचालय जाने के बाद निश्चित रूप से हाथ धोएं।
एल्कोहलयुक्त सेनिटाइजर इस्तेमाल करें।
पानी से होने वाले रोग
गेस्ट्रोएनट्राइटिस: बार-बार डायरिया होना गेस्ट्रोएनट्राइटिस का प्रमुख लक्षण है। 24 घंटे के भीतर तीन या उससे अधिक बार पतले दस्त होने के अलावा इस स्थिति में उलटी आने, चक्कर आने, पेट में मरोड़, सिरदर्द व तेज बुखार के लक्षण भी देखने को मिलते हैं।
गेस्ट्रोएनट्राइटिस: बार-बार डायरिया होना गेस्ट्रोएनट्राइटिस का प्रमुख लक्षण है। 24 घंटे के भीतर तीन या उससे अधिक बार पतले दस्त होने के अलावा इस स्थिति में उलटी आने, चक्कर आने, पेट में मरोड़, सिरदर्द व तेज बुखार के लक्षण भी देखने को मिलते हैं।
पीलिया: यदि आपकी त्वचा पर सफेदी व आंखों में पीलापन दिखायी दे तो यह पीलिया का लक्षण हो सकता है। इस स्थिति में पेशाब व मल का रंग गहरा पीला हो जाता है।
मच्छर से होने वाली बीमारियांडेंगू, मलेरिया व चिकुनगुनिया: इसमें 103 डिग्री तक तेज बुखार होने के साथ शरीर दर्द, उलटी व सिरदर्द के लक्षण देखने को मिलते हैं। डेंगू के कुछ अन्य लक्षण हैं आंखों में दर्द, त्चचा पर लाल चकत्ते, खारिश और मांसपेशियों में कमजोरी। दूसरी तरफ मलेरिया में ठंड व ठिठुरन महसूस होना प्रमुख लक्षण है। चिकुनगुनिया में सूजन व अकड़न के अलावा जोड़ों व मांसपेशियों में असहनीय दर्द देखने को मिलता है।घर के आसपास बारिश का पानी एकत्र न होने दें। सुबह व शाम के समय घर के दरवाजे व खिड़कियां बंद रखें। स्प्रे, कॉइल्स, मच्छर से बचाने वाली क्रीम, लिक्विड्स या मच्छरदानी का नियमित इस्तेमाल करें।
हवा से होने वाले रोगबारिश के साथ सामान्य जुकाम व इंफ्लुएंजा का संक्रमण तेजी से फैलता है। आमतौर पर संक्रमण के संपर्क में आने के 2 से 3 दिन बाद सामान्य जुकाम के लक्षण नजर आते हैं। गले में खराश, सांस लेने में परेशानी, साइनस में सूजन, छींक, खांसी, सिरदर्द, बुखार, मांसपेशियों में दर्द, पसीना आना व हर समय थकावट ऐसे लक्षण हैं, जो संक्रमित व्यक्ति में देखने को मिलते हैं। छींक व खांसते समय मुंह ढंक कर रखें। रुमाल की जगह टिश्यू पेपर का इस्तेमाल करें। टिश्यू पेपर को इस्तेमाल के तुरंत बाद डस्टबिन में डाल दें। साफ-सफाई का खास ध्यान रखें।