loading...
loading...

गर्भाशय व योनि के रोग

गर्भाशय व योनि के रोग

1. नीम: नीम के पत्तों को पानी में उबाल-छानकर इससे योनि को धोने से योनि की खुजली नष्ट हो जाती है। इसे सुबह-शाम को सेवन करना चाहिए।

2. आंवला: आंवला का रस 20 मिलीलीटर मिश्री मिलाकर सुबह-शाम पीने से योनि और गर्भाशय की जलन ठीक हो जाती है।

3. तुम्बी: कडु़वी तुम्बी का रस 5 मिलीलीटर की मात्रा में लेकर लगभग 200 ग्राम दही में मिलाकर सुबह के समय प्रयोग करें। इससे गर्भाशय के मस्से ठीक हो जाते हैं।

4. लहसुन: लहसुन की 3-4 फली छीलकर भुनी हुई हींग के साथ सुबह कुछ दिनों तक प्रयोग करने से बच्चा होने के बाद गर्भाशय का जहरीला तरल पदार्थ बाहर निकल जाता है।

5. गुलाब: गुलाब का रस लगभग 10 मिलीलीटर और रोगन गुल 10 ग्राम को मिलाकर खिलाने से योनि की खुजली मिट जाती है।

6. राई:
गर्भाशय में कैंसर होने पर, सप्ताह में दो से तीन बार राई के गुनगुने पानी की पिचकारी द्वारा धोने से लाभ होता है। पच्चीस ग्राम राई को एक कप शीतल (ठंडे) पानी में भिगो लें, इसे मसलकर लुआब बनाकर फिर साढ़े सात सौ ग्राम गुनगुने पानी में मिला लें।गर्भाशय के अनेक दर्द, काफी तेज दर्द में, नाभि के नीचे या कमर पर राई के प्लास्टर का इस्तेमाल लगातार करना चाहिए।

Theme images by konradlew. Powered by Blogger.