स्तन का फोड़ा (Abscess of the breast)
स्तन का फोड़ा (Abscess of the breast)
परिचय
स्त्री के स्तनों में होने वाले फोड़े के उभरने को स्तन विद्रधि यानी फोड़ा कहा जाता है।
लक्षण
स्तनों में पत्थर जैसी कठोरता और बाद में विद्रधि आदि लक्षण माने जाते हैं।
आयुर्वेद से इलाज
1. पुनर्नवा: स्तनों के फोड़े होने पर पुनर्नवा की मूल (जड़) को छाछ के साथ पीसकर लेप करने से स्तनों का फोड़ा ठीक हो जाता है।
होमेओपेथी से इलाज
1. ब्रायोनिया- स्तनों में फोड़ा जब अपनी शुरुआती अवस्था में ही हो, इसमें बहुत तेज दर्द हो, फोड़ा बहुत सख्त हो, स्तनों में तनाव हो तो ब्रायोनिया औषधि की 30 शक्ति का सेवन करने से फोड़ा जितना होता है उससे आगे नही बढ़ता।
2. फाइटोलैक्का- अगर स्तनों के फोड़े में 24 घंटे के अन्दर ब्रायोनिया औषधि के सेवन से किसी तरह का लाभ नज़र नहीं आता तो फाइटोलैक्का औषधि की 3 शक्ति दी जा सकती है।
3. बेलाडोना- स्तनों के फोड़े का दर्द बहुत तेज हो जाता है लेकिन उसमें ज्यादा कड़ापन नहीं रहता और स्तन के केन्द्रीय बिन्दु से स्तन के घेरे तक लाल-लाल लकीरें बन रही हो तो ऐसे लक्षणों में बेलाडोना औषधि लेने से लाभ मिलता है।
4. हिपर-सल्फ- गी स्त्री के स्तनों में पैदा हुए फोड़े के अन्दर पीब पड़ जाती है तो उसे हिपर-सल्फ औषधि दी जा सकती है।
5. कैलेण्डुला-लोशन- स्तनों के फोड़े में पीब पड़ जाने पर कैलेण्डुला औषधि के गर्म लोशन से सिकाई करना भी असरकारक रहता है। इस लोशन को तैयार करने के लिए कैलेण्डुला के मूल-अर्क की लगभग 15 बूंदों को 18 मिलीलीटर पानी में डाला जाता है।