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सेक्स में असफलता (Failure in sex)

सेक्स में असफलता (Failure in sex)

असफल सेक्स का कारणः

कुछ स्त्री-पुरुषों के लिए सेक्स करना असंभव क्यों हो जाता है? ऐसे व्यक्ति जो न तो नपुंसक होते हैं और नहीं उनमें सेक्स की पाबंदी होती है फिर भी वे सेक्स संबंधी दुर्बलता का अनुभव क्यों करते हैं और संभोग कार्य में पूर्ण आनन्द लेने या देने में असमर्थ क्यों रहते हैं?

कुछ लोगों में इस तरह के सवाल हमेशा बने रहते हैं कि आखिर क्या कारण है कि मैं सेक्स नहीं कर पाता और सेक्स का सही आनन्द नहीं ले पाता। इस तरह के सवाल मन में उत्पन्न होने पर व्यक्ति अक्सर अपने किसी भी शारीरिक कमजोरी को उसका कारण मानने लगते हैं। कुछ लोग तो अपने मोटापे को ही नपुंसकता का कारण मान लेते हैं। मोटापे से परेशान व्यक्ति हमेशा यह सोचता रहता है कि मोटापे और सेक्स के बीच जरूर कोई न कोई संबंध हैं। ऐसे में यदि मोटापा कम हो जाए और शरीर का वजन सामान्य हो जाए तो मुझे नपुंसकता की परेशानी से छुटकारा मिल सकता है।

सेक्स विशेषज्ञों के अनुसार व्यक्ति में सेक्स की असफलता या दुर्बलता का कारण यदि कोई रोग हो तो उस रोग के समाप्त होने पर नपुंसकता अर्थात सेक्स की कमजोरी अपने आप समाप्त हो जाती है। लेकिन मनोविशेषज्ञों का कहना है कि अधिकतर नपुंसकता या सेक्स में असफलता का कारण मानसिक होता है। सेक्स में असफलता का शारीरिक कारण बहुत ही कम होता है।

सेक्स संबंधों के बारे में सेक्स विज्ञान का कहना है कि स्त्री-पुरुष दोनों में सेक्स के प्रति उत्तेजना दो प्रकार से पैदा की जा सकती है- पहला मस्तिष्क के द्वारा जहां सेक्स के लिए उत्तेजना पैदा करने वाले हार्मोन होते हैं। मस्तिष्क के इस भाग को क्रियाशील बनाकर सेक्स हार्मोन के स्राव को तेज करके स्त्री-पुरुष के मन में उत्तेजना पैदा की जा सकती है। दूसरा कामुक अंगों को छूकर, आलिंगन और चुंबन के द्वारा मन में उत्तेजना पैदा की जा सकती है। इस तरह सेक्स के प्रति मानसिक उत्तेजना में बाधा तब आती है जब कोई बाहरी कारण से मानसिक तनाव उत्पन्न होता है। सेक्स के प्रति उत्तेजना में बाधा शारीरिक कारण से भी हो सकती है, जैसे किसी रोग आदि के कारण।

स्त्रियों के विषय में पुरुषों की भावनाः   

स्त्री के बारे में यह बात मान लेना गलत होगा कि जो स्त्री बच्चे को जन्म देती है, वही अच्छी प्रेमिका होती है। ऐसी स्त्रियां बच्चे को जन्म देने के बाद भी अच्छी प्रेमिका हो सकती हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसी स्त्रियां जो बच्चे को जन्म दे सकती हैं, उनमें भी सेक्स के प्रति उत्तेजना कम हो सकती है और ऐसी स्त्रियां जो गर्भधारण नहीं कर सकती अर्थात बच्चे को जन्म नहीं दे सकती, उनमें भी सेक्स के प्रति अधिक उत्तेजना हो सकती है। ऐसी स्त्री के मन में भी सच्चा प्रेम हो सकता है। अतः जिस तरह पुरुष बांझ होकर भी कामुक और उत्तेजित हो सकता है, उसी तरह स्त्री भी बांझ होकर भी सेक्स के प्रति उत्तेजक और सच्ची प्रेमिका हो सकती है।

घबराहट के कारण नपुंसकताः

ऐसे पुरुष जो वेश्या या अन्य स्त्री के पास सेक्स संबंधों के लिए जाते हैं, उन्हें अक्सर सेक्स संबंधों से उतना आनन्द नहीं मिल पाता है जो उसे सेक्स के दौरान मिलना चाहिए। व्यक्ति अक्सर अपनी प्रेमिका के साथ खुले रूप में तथा इच्छा के अनुसार सेक्स संबंध नहीं बना पाते। वह प्रेमिका के साथ सेक्स संबंध बनाते समय अक्सर डरा रहता है। सेक्स के समय उसके मन में यह डर रहता है कि कहीं कोई आ न जाए। मन में इस तरह की भावनाएं उत्पन्न होने का परिणाम यह होता है कि मस्तिष्क में सेक्स की इच्छा कम होने लगती है और व्यक्ति की उत्तेजना कम होने लग जाती है। इसका अर्थ यह नहीं होता है कि व्यक्ति में सेक्स की इच्छा नहीं है या वह नपुंसक है। उसमें सेक्स की इच्छा तो होती है लेकिन वासना को क्रियाशील करने की क्षमता चली जाती है।

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