लिंगोद्रेक(लिंग की उतेज़ना बढ़ना) (Chordee)
लिंगोद्रेक (Chordee)
परिचय :
बिना कारण अथवा बिना इच्छा के लिंग की उत्तेजना बढ़ने को लिंगोद्रेक कहते हैं। यह जन्मजात दोष और मूत्रमार्ग संक्रमण के कारण होता है।
चिकित्सा:
कपूर
लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग कपूर रोजाना सुबह-शाम सेवन करने से लिंग की उत्तेजना कम हो जाती है।
दशमूल
10 से 100 मिलीलीटर दशमूल का रस दिन में 4 बार 6-6 घंटों पर सेवन करने से लिंग उत्तेजित का रोग दूर हो जाता है।
बर्फ
अगर किसी का लिंग उत्तेजना से भर रहा हो तो वह लिंग को बर्फ के टुकड़ो से ढक दें। बहुत जल्द ही लिंग उत्तेजना दूर हो जायेगी।
राई
20 ग्राम राई को 200 मिलीलीटर पानी में 2 से 3 घंटे तक डालें। इस पानी से लिंग को धोये इससे लिंग की उत्तेजना बढ़ेगी। लेकिन पानी से लिंग के आगे के भाग को न धोये।
चंदन
3 से 4 बूंद चंदन का तेल बताशें में डालकर पानी के साथ प्रतिदिन 2 बार खाने से लिंग की उत्तेजना खत्म हो जाती है।
जटामांसी
40 ग्राम जटामांसी, 10 ग्राम दालचीनी, 10 ग्राम शीतल चीनी, 10 ग्राम सौंफ और 80 ग्राम मिश्री को एक साथ मिलाकर पीस लें। रोजाना यह मिश्रण 3 से 6 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से लिंग की उत्तेजना दूर हो जायेगी।