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श्वेत प्रदर (ल्यूकोरिया) Blennenteria (leukorrhea)

श्वेत प्रदर (ल्यूकोरिया) Blennenteria (leukorrhea)

परिचय-

अक्सर स्त्रियों की योनि से सफेद, लेसदार, झाग के रूप में बदबूदार पानी सा निकलता है, जिसको श्वेतप्रदर कहते हैं। इस रोग में स्त्री का शरीर बिल्कुल कमजोर हो जाता है।

कारण-

स्त्री का मासिकधर्म आने पर शुरुआती 3 दिनों में नहाने से उनको श्वेतप्रदर (योनि में से सफेद पानी आना) का रोग हो जाता है। इसके अलावा यह रोग ज्यादा संभोग क्रिया करने से, मन में हर समय सेक्स के बारे में विचार रखने से, भोजन में तेल, खटाई, लालमिर्च, प्याज, अंडा, मांस आदि का ज्यादा सेवन करने से, गुप्त अंगों की ठीक प्रकार से सफाई न करने से भी हो जाता है।

चिकित्सा-

त्रिफला- श्वेतप्रदर रोग में लगभग आधा लीटर पानी में 12 ग्राम त्रिफला या 1 लीटर पानी में लगभग 6 ग्राम खाने वाले सोड़े को मिलाकर स्त्री को अपनी योनि में उस पानी की छींटे मारनी चाहिए। श्वेतप्रदर रोग में इस पानी की पिचकारी देना भी बहुत लाभकारी रहती है।
गूलर- श्वेतप्रदर रोग में स्त्री को लगभग 6 ग्राम गूलर या आधा ग्राम रसौत की सुबह और शाम को पानी के साथ फंकी लेने से लाभ होता है। अगर इन चीजों को मक्खन के साथ लिया जाए तो यह रोग जल्दी दूर हो जाता है।
ढाक- ढाक का गोंद, पीली कौड़ी, कीकर का गोंद और कहरूवा को अलग-अलग पीसकर और कपड़े में छानकर बराबर मात्रा में एकसाथ मिला लें। इस चूर्ण को 2-2 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम ठंडे पानी के साथ लेने से श्वेतप्रदर रोग में आराम मिलता है। इस औषधि का सेवन करते समय रोगी स्त्री को गर्म, खट्टी और तली हुई चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
आंवला- लगभग 25 ग्राम आंवला को रात में 250 मिलीलीटर पानी में भिगोकर रख दें और सुबह उठने के बाद छान लें। इस छने हुए पानी में लगभग 12-12 ग्राम शहद और खांड मिलाकर पीने से श्वेतप्रदर रोग में लाभ होता है।
शराब- श्वेतप्रदर रोग में लगभग 12 ग्राम शराब को 125 ग्राम पानी में मिला लें। फिर लगभग 3 ग्राम मोटी इलायची और 2 ग्राम तेजपत्ता खाकर ऊपर से यह शराब मिला पानी रात में सोने से पहले एकबार पी लें।
चूहे की मींगनी का तेल- लगभग 250 ग्राम चूहे की मेंगनी को 4 लीटर पानी में डालकर पका लें। पकने के बाद जब लगभग 1 लीटर पानी बाकी रह जाए तो उस पानी में 250 ग्राम तिल का तेल डालकर आग पर रखकर पका लें और सिर्फ तेल बाकी रहने पर उतार लें। इस तेल में रुई के फाहे को भिगोकर योनि में ऱखने से गर्भाशय की सूजन और टेढ़ापन ठीक हो जाते हैं।

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