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शौच करते समय दर्द या खून का आना (बवासीर)

मलाशय का गिरना (Malasay ka girna)

परिचय :

गुदा संवरणी पेशी एक वृताकार पेशी है। जब यह काम करना बन्द कर देती है तो मलाशय गिरने लगाता है। मलाशय गिरने से पैखाना के साथ खून और दर्द होता है। इसे मलाशय का गिरना कहते हैं।

लक्षण :

यह रोग बच्चों में पाया जाता है जो लम्बे समय से चले आ रहे दस्त या कब्ज के कारण होता है। इस रोग में मल (पैखाना) त्याग करते समय मल (पैखाना) के साथ खून निकलता है और बहुत तेज दर्द होता है।

चिकित्सा :

1. हरड़ : हरड़, आंवला और बहेड़ा तीनों बराबर मात्रा में लेकर कूट लें और पानी के साथ उबालकर काढ़ा बना लें। उस पानी से मलाशय (गुदा) को धोएं और साफ रूई से बाहर निकले मलाशय को धीरे-धीरे अन्दर कर दें। इससे मलाशय पुन: अपने जगह पर आ जाता है।

2. अतिबला (खिरेंटी) : अतिबला (खिरेंटी) की पतियों को एरण्ड के तेल में भूनकर मलाशय पर रखकर पट्टी बांधने से मलाशय का गिरना बन्द हो जाता है।

3. कुमारी के पत्ते : कुमारी के पत्ते को साफकर दोनों किनारों से कांटे निकाल लें। उसे बीच से चीर कर दो भाग कर लें और कच्चे कोयले की धीमी आंच पर गर्म करें। माजूफल या हरड़ का बारीक पाउडर बनाकर गर्म किए हुए कुमारी के पत्ते पर छिड़क दें। इस आधे पत्ते को बाहर निकले मलाशय पर बांध दें। इसे 3 से 4 दिन तक मलाशय पर बांधने से मलाशय का गिरना बन्द हो जाता है।

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