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मधुमेह,शुगर,डायबिटीज (Diabetes)

मधुमेह (Diabetes)

परिचय

आज के समय में मधुमेह (डायबिटिज) होना एक आम बात हो गई है। मधुमेह का मतलब होता है खून के अंदर शूगर का अधिक होना। मधुमेह को हम डायबिटिज के नाम के भी जानते है। मधुमेह (डायबिटिज) होने पर संभोग करने की शक्ति में भी कमी आ जाती है। प्रसिद्ध मधुमेह विशेषज्ञों के अनुसार जिन पुरुषों को काफी समय से मधुमेह (डायबिटिज) का रोग हो तो वे पुरुष नामर्दी (नपुसंकता) के रोगी हो जाते हैं। शुरूआत में लिंग के तनाव में कमी होना, सेक्स करने का मन न करना तथा शुक्राणुओं की तादाद में कमी हो जाने के लक्षण भी मधुमेह होने के कारण ही दिखाई देने लगते हैं। कुछ समय के बाद ही यह परेशानी नामर्दी का रूप धारण कर लेती है।

कारणः-

मधुमेह (डायबिटिज) रोग होने पर शरीर में पैन्क्रिआस नामक ग्रंथि से स्रावित होने वाले इन्सुलिन हार्मोन की कमी हो जाती है। इसी वजह से शरीर के अंदर की कोशिकाओं को ठीक तरह से शूगर नहीं मिल पाता और खून में शूगर की मात्रा अधिक बढ़ जाती है। खून के अंदर जैसे-जैसे शूगर की मात्रा बढ़ती जाती है वैसे-वैसे ही मन में उदासीपन. शरीर में कमजोरी आना और सेक्स क्षमता में कमी हो जाती है।

मधुमेह (डायबिटिज) के हो जाने पर पुरुष का लिंग सुस्त हो जाता है तथा उसमें हमेशा सुस्ती सी छाई रहती है। सेक्स करने का मन करने पर दिमाग लिंग को संदेश भेजता है जिसके कारण से लिंग की नसों में खून का उतार-चढ़ाव होकर लिंग सख्त हो जाता है। परन्तु मधुमेह (डायबिटिज) का रोग होने के कारण मज्जा की खून की नलियों के द्वारा सेक्स हार्मोन के पास पहुचाने के काम में कमी ला देती है। इसके कारण सेक्स करने की नाड़ियों में काम करने में बहुत अधिक कमी आ जाती है। इस की वजह से संभोग करने का मन न करना, लिंग के तनाव आने में कमी, सेक्स करते समय मजा न आना तथा बहुत अधिक सुख की कमी आदि की परेशानियां पैदा हो जाती है। सेक्स करने के बाद लिंग से वीर्य के निकल जाने के बाद शिश्न में दुबारा से तनाव के आने के लिए बहुत ज्यादा वक्त लग जाता है।

मधुमेह से असरः-

कई बार आटोनोमिक स्नायु (नर्वस सिस्टम) पर उल्टा असर पड़ने से मधुमेह (डायबिटिज) के कारण लिंग (शिश्न) सम्पूर्ण रूप से उत्तेजित नहीं हो पाता है। इस रोग के कारण एड्रेनेलिन हार्मोन की क्रिया बढ़ जाती है और एसीटिल कोलिन नामक रसायन की भी कई बार कमी हो जाती है। कई बार मज्जा की नलिकाओं में नाइट्रिक आक्साइड सिंथेज नामक रसायन का कार्य करना कम हो जाता है जिसके कारण डाई-हाइड्रो टेस्टोस्टेरान तथा फ्री टेस्टोस्टेरान को आकर्षित करने वाले एंड्रोजन हार्मोन की कमी हो जाती है। मधुमेह (डायबिटिज)  के कारण खून को बहाने वाली नसें सिकुड़कर छोटी हो जाती है। इस वजह से लिंग के अंदर पूर्ण रूप से खून का बहाव न होने के कारण लिंग पूरी तरह से उत्तेजित नहीं हो पाता है।

मधुमेह (डायबिटिज) के बारे में शक होते ही जल्दी से खून और पेशाब की जांच करवाकर इस रोग के बारे में जानना चाहिए। अगर शुरूआत में ही इस रोग के बारे में मालूम होते ही किसी अच्छे चिकित्सक से मिलकर दवाइयों, खाने-पीने और रहने-सहने के बारे में बदलाव लाकर मधुमेह (डायबिटिज) को अपने काबू में कर सकते हैं।

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