औषधीय गुण की खान है अजवाइन
एक कहावत है-'एकाजवानी शतमन्ना पचिका' अर्थात अकेली अजवाइन ही सैकड़ों प्रकार के अन्न को पचाने वाली होती है। भारतीय खाने में अजवाइन का उपयोग मसाले के रूप में कई सदियों से किया जाता है लेकिन अजवाइन सिर्फ एक मसाला ही नहीं है ये कई तरह के औषधिय गुणों से भरपूर है। अजवाइन के कई ऐसे घरेलू प्रयोग है जो हेल्थ प्रॉब्लम्स में रामबाण की तरह कार्य करते हैं तो आइए आज हम आपको बतातेे हैं ऐसे ही कुछ औषधीय गुणों के बारे में....
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अजवाइन के बारे में बता दें कि इसका वानस्पतिक नाम ट्रेकीस्पर्मम एम्माई है। अजवाइन में 7 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट,21 प्रतिशत प्रोटीन, 17 प्रतिशत खनिज ,7 प्रतिशत कैल्शियम, फॉस्फोरस, लौह, पोटेशियम, सोडियम, रिबोफ्लेविन, थायमिन, निकोटिनिक एसिड अल्प मात्रा में, आंशिक रूप से आयोडीन, शर्करा, सेपोनिन, टेनिन, केरोटिन और 14 प्रतिशत तेल पाया जाता है। इसमें मिलने वाला सुगंधित तेल 2 से 4 प्रतिशत होता है, 5 से 60 प्रतिशत मुख्य घटक थाइमोल पाया जाता है। मानक रूप से अजवाइन के तेल में थाइमोल 40 प्रतिशत होता है।
पेट खराब होने पर अजवाइन को चबाकर खाएं और एक कप गर्म पानी पीएं। पेट में कीड़े हैं तो काले नमक के साथ अजवाइन खाएं। लीवर की परेशानी है तो 3 ग्राम अजवाइन और आधा ग्राम नमक भोजन के बाद लेने से काफी लाभ होगा। पाचन तंत्र में किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर मट्ठे के साथ अजवाइन लें, आराम मिलेगा। अजवाइन मोटापे कम करने में भी उपयोगी होती है। रात में एक चम्मच अजवाइन को एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह छान कर एक चम्मच शहद के साथ मिलाकर पीने से लाभ होता है। इसके नियमित सेवन से मोटापा कम होता है।
मसूड़ों में सूजन होने पर अजवाइन के तेल की कुछ बूंदों को गुनगुने पानी में डालकर कुल्ला करने से सूजन कम होती है। सरसों के तेल में अजवाइन डाल कर गर्म करें। इससे जोड़ों की मालिश करने पर दर्द से आराम मिलेगा। अजवाइन के रस में दो चुटकी काला नमक मिलाकर उसका सेवन करें और उसके बाद गर्म पानी पी लें। इससे आपकी खांसी ठीक हो जाएगी। आप काली खांसी से परेशान हैं तो जंगली अजवाइन के रस को सिरका और शहद के साथ मिलाकर दिन में 2-3 बार एक-एक चम्मच सेवन करें, राहत मिलेगी।
अजवाइन को भून व पीसकर मंजन बना लें। इससे मंजन करने से मसूढ़ों के रोग मिट जाते हैं। अजवाइन, सेंधानमक, सेंचर नमक, यवाक्षार, हींग और सूखे आंवले का चूर्ण आदि को बराबर मात्रा में लेकर अच्छी तरह पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को 1 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम शहद के साथ चाटने से खट्टी डकारें आना बंद हो जाती हैं।
अजवाइन का रस आधा कप इसमें इतना ही पानी मिलाकर दोनों समय (सुबह और शाम) भोजन के बाद लेने से दमा का रोग नष्ट हो जाता है।मासिक धर्म के समय पीड़ा होती हो तो 15 से 30 दिनों तक भोजन के बाद या बीच में गुनगुने पानी के साथ अजवायन लेने से दर्द मिट जाता है। मासिक अधिक आता हो, गर्मी अधिक हो तो यह प्रयोग न करें। सुबह खाली पेट 2-4 गिलास पानी पीने से अनियमित मासिक स्राव में लाभ होता है।
मुख से दुर्गंध आने पर थोड़ी सी अजवायन को पानी में उबालकर रख लें, फिर इस पानी से दिन में दो-तीन बार कुल्ला करने पर दो-तीन दिन में दुर्गंध खत्म हो जाती है। खीरे के रस में अजवायन पीसकर चेहरे की झाइयों पर लगाने से लाभ होता है।अजवाइन, काला नमक, सौंठ तीनों को पीसकर चूर्ण बना लें। भोजन के बाद फाँकने पर अजीर्ण, अशुद्ध वायु का बनना व ऊपर चढऩा बंद हो जाएगा। कान में दर्द होने पर अजवाइन के तेल की कुछ बूंदे कान में डालने से आराम मिलता है। शरीर में दाने हो जाएं या फिर दाद-खाज़ हो जाए तो, अजवाइन को पानी में गाढ़ा पीसकर दिन में दो बार लेप करने से फायदा होता है। घाव और जले हुए स्थानों पर भी इस लेप को लगाने से आराम मिलता है और निशान भी दूर हो जाते हैं।
बरसात के मौसम में पाचन क्रिया के शिथिल पडऩे पर अजवायन का सेवन काफी लाभदायक होता है। इससे अपच को दूर किया जा सकता है। अजवायन, काला नमक, सौंठ तीनों को पीसकर चूर्ण बना लें। भोजन के बाद फाँकने पर अजीर्ण, अशुद्ध वायु का बनना व ऊपर चढऩा बंद हो जाएगा। पैर में कांटा चुभ जाए, तो कांटा चुभने के स्थान पर पिघले हुए गुड़ में 10 ग्राम पिसी हुई अजवाइन मिलाकर थोड़ा गरम कर बांध देने से कांटा अपने आप निकल जाएगा। रात्रि में एक चम्मच अजवायन एक गिलास पानी में भिगोएं। सुबह छानकर उस पानी में शहद डालकर पीने पर लाभ होता है।
लीवर की परेशानी है तो 3 ग्राम अजवाइन और आधा ग्राम नमक भोजन के बाद लेने से काफी लाभ होगा। पाचन तंत्र में किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर मट्ठे के साथ अजवाइन लें, आराम मिलेगा। अगर पेट में गैस की समस्या से परेशान हैं तो 1-2 ग्राम खुरसानी अजवाइन में गुड़ मिलाकर इसकी गोलियां बना कर खाएं, आपको तुरंत राहत मिलेगी। पेट में गैस होने पर हल्दी, अजवाइन और एक चुटकी काला नमक लें, इससे भी बहुत जल्दी काफी आराम मिलता है। पेट में पथरी का अंदेशा है तो आप 5 ग्राम ग्राम जंगली अजवाइन को पानी के साथ निगल लें। ऐसा आप महीने में पांच दिन करें तो पथरी कभी नहीं बनेगी। हैजा होने पर कपूर के साथ अजवाइन को मिला कर दें, हैजा की परेशानी कम होगी।
कुंदरू के फल, अजवायन, अदरक और कपूर की समान मात्रा लेकर कूट लिया जाए और एक सूती कपड़े में लपेटकर हल्का-हल्का गर्म करके सूजन वाले भागों धीमें -धीमें सिंकाई की जाए तो सूजन मिट जाती है। किसी शराब पीने वाले की आदत छुड़ाना चाहते हैं तो दिन में हर दो घंटे बाद उसे एक चुटकी अजवाइन चबाने को दें, बहुत जल्द उनकी शराब पीने की आदत छूट जाएगी। अजवाइन को पीस लिया जाए और नारियल तेल में इसके चूर्ण को मिलाकर ललाट पर लगाया जाए तो सिर दर्द में आराम मिलता है। अस्थमा के रोगी को यदि अजवाइन के बीज और लौंग की समान मात्रा का 5 ग्राम चूर्ण प्रतिदिन दिया जाए तो काफी फायदा होता है। अजवाइन को किसी मिट्टी के बर्तन में जलाकर उसका धुंआ भी दिया जाए तो अस्थमा के रोगी को सांस लेने में राहत मिलती है।
गले में खराश हो तो बेर के पत्ते और अजवाइन दोनों को पानी में एक साथ उबाल कर उस पानी को छानकर पी लें। नाक बंद होने पर आप अजवाइन को बारीक पीस कर उसे कपड़े में बांध कर सूंघें, आराम मिलेगा। खाने के बाद अजवाइन के साथ गुड़ खाने से सर्दी और एसिडिटी में आराम मिलता है।अजवाइन की 2 से 3ग्राम मात्रा को दिन में तीन बार लें। जुकाम, नजला और सिरदर्द में यह रामबाण दवा है। पान के पत्ते के साथ अजवाइन के बीजों को चबाया जाए तो गैस, पेट मे मरोड़ और एसीडिटी से निजात मिल जाती है।
अजवाइन, इमली के बीज और गुड़ की समान मात्रा लेकर घी में अच्छी तरह भून लेते है और फिर इसकी कुछ मात्रा प्रतिदिन नपुंसकता से ग्रसित व्यक्ति को दें।ये मिश्रण पौरुषत्व बढ़ाने के साथ-साथ शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने में भी मदद करता है। नींद न आने की समस्या हो तो 2 ग्राम अजवाइन पानी के साथ निगल लें। इससे अच्छी नींद आएगी। कान में दर्द है तो अजवाइन के तेल का इस्तेमाल करें, दर्द ठीक हो जाएगा।
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अजवाइन के बारे में बता दें कि इसका वानस्पतिक नाम ट्रेकीस्पर्मम एम्माई है। अजवाइन में 7 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट,21 प्रतिशत प्रोटीन, 17 प्रतिशत खनिज ,7 प्रतिशत कैल्शियम, फॉस्फोरस, लौह, पोटेशियम, सोडियम, रिबोफ्लेविन, थायमिन, निकोटिनिक एसिड अल्प मात्रा में, आंशिक रूप से आयोडीन, शर्करा, सेपोनिन, टेनिन, केरोटिन और 14 प्रतिशत तेल पाया जाता है। इसमें मिलने वाला सुगंधित तेल 2 से 4 प्रतिशत होता है, 5 से 60 प्रतिशत मुख्य घटक थाइमोल पाया जाता है। मानक रूप से अजवाइन के तेल में थाइमोल 40 प्रतिशत होता है।
पेट खराब होने पर अजवाइन को चबाकर खाएं और एक कप गर्म पानी पीएं। पेट में कीड़े हैं तो काले नमक के साथ अजवाइन खाएं। लीवर की परेशानी है तो 3 ग्राम अजवाइन और आधा ग्राम नमक भोजन के बाद लेने से काफी लाभ होगा। पाचन तंत्र में किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर मट्ठे के साथ अजवाइन लें, आराम मिलेगा। अजवाइन मोटापे कम करने में भी उपयोगी होती है। रात में एक चम्मच अजवाइन को एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह छान कर एक चम्मच शहद के साथ मिलाकर पीने से लाभ होता है। इसके नियमित सेवन से मोटापा कम होता है।
मसूड़ों में सूजन होने पर अजवाइन के तेल की कुछ बूंदों को गुनगुने पानी में डालकर कुल्ला करने से सूजन कम होती है। सरसों के तेल में अजवाइन डाल कर गर्म करें। इससे जोड़ों की मालिश करने पर दर्द से आराम मिलेगा। अजवाइन के रस में दो चुटकी काला नमक मिलाकर उसका सेवन करें और उसके बाद गर्म पानी पी लें। इससे आपकी खांसी ठीक हो जाएगी। आप काली खांसी से परेशान हैं तो जंगली अजवाइन के रस को सिरका और शहद के साथ मिलाकर दिन में 2-3 बार एक-एक चम्मच सेवन करें, राहत मिलेगी।
अजवाइन को भून व पीसकर मंजन बना लें। इससे मंजन करने से मसूढ़ों के रोग मिट जाते हैं। अजवाइन, सेंधानमक, सेंचर नमक, यवाक्षार, हींग और सूखे आंवले का चूर्ण आदि को बराबर मात्रा में लेकर अच्छी तरह पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को 1 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम शहद के साथ चाटने से खट्टी डकारें आना बंद हो जाती हैं।
अजवाइन का रस आधा कप इसमें इतना ही पानी मिलाकर दोनों समय (सुबह और शाम) भोजन के बाद लेने से दमा का रोग नष्ट हो जाता है।मासिक धर्म के समय पीड़ा होती हो तो 15 से 30 दिनों तक भोजन के बाद या बीच में गुनगुने पानी के साथ अजवायन लेने से दर्द मिट जाता है। मासिक अधिक आता हो, गर्मी अधिक हो तो यह प्रयोग न करें। सुबह खाली पेट 2-4 गिलास पानी पीने से अनियमित मासिक स्राव में लाभ होता है।
मुख से दुर्गंध आने पर थोड़ी सी अजवायन को पानी में उबालकर रख लें, फिर इस पानी से दिन में दो-तीन बार कुल्ला करने पर दो-तीन दिन में दुर्गंध खत्म हो जाती है। खीरे के रस में अजवायन पीसकर चेहरे की झाइयों पर लगाने से लाभ होता है।अजवाइन, काला नमक, सौंठ तीनों को पीसकर चूर्ण बना लें। भोजन के बाद फाँकने पर अजीर्ण, अशुद्ध वायु का बनना व ऊपर चढऩा बंद हो जाएगा। कान में दर्द होने पर अजवाइन के तेल की कुछ बूंदे कान में डालने से आराम मिलता है। शरीर में दाने हो जाएं या फिर दाद-खाज़ हो जाए तो, अजवाइन को पानी में गाढ़ा पीसकर दिन में दो बार लेप करने से फायदा होता है। घाव और जले हुए स्थानों पर भी इस लेप को लगाने से आराम मिलता है और निशान भी दूर हो जाते हैं।
बरसात के मौसम में पाचन क्रिया के शिथिल पडऩे पर अजवायन का सेवन काफी लाभदायक होता है। इससे अपच को दूर किया जा सकता है। अजवायन, काला नमक, सौंठ तीनों को पीसकर चूर्ण बना लें। भोजन के बाद फाँकने पर अजीर्ण, अशुद्ध वायु का बनना व ऊपर चढऩा बंद हो जाएगा। पैर में कांटा चुभ जाए, तो कांटा चुभने के स्थान पर पिघले हुए गुड़ में 10 ग्राम पिसी हुई अजवाइन मिलाकर थोड़ा गरम कर बांध देने से कांटा अपने आप निकल जाएगा। रात्रि में एक चम्मच अजवायन एक गिलास पानी में भिगोएं। सुबह छानकर उस पानी में शहद डालकर पीने पर लाभ होता है।
लीवर की परेशानी है तो 3 ग्राम अजवाइन और आधा ग्राम नमक भोजन के बाद लेने से काफी लाभ होगा। पाचन तंत्र में किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर मट्ठे के साथ अजवाइन लें, आराम मिलेगा। अगर पेट में गैस की समस्या से परेशान हैं तो 1-2 ग्राम खुरसानी अजवाइन में गुड़ मिलाकर इसकी गोलियां बना कर खाएं, आपको तुरंत राहत मिलेगी। पेट में गैस होने पर हल्दी, अजवाइन और एक चुटकी काला नमक लें, इससे भी बहुत जल्दी काफी आराम मिलता है। पेट में पथरी का अंदेशा है तो आप 5 ग्राम ग्राम जंगली अजवाइन को पानी के साथ निगल लें। ऐसा आप महीने में पांच दिन करें तो पथरी कभी नहीं बनेगी। हैजा होने पर कपूर के साथ अजवाइन को मिला कर दें, हैजा की परेशानी कम होगी।
कुंदरू के फल, अजवायन, अदरक और कपूर की समान मात्रा लेकर कूट लिया जाए और एक सूती कपड़े में लपेटकर हल्का-हल्का गर्म करके सूजन वाले भागों धीमें -धीमें सिंकाई की जाए तो सूजन मिट जाती है। किसी शराब पीने वाले की आदत छुड़ाना चाहते हैं तो दिन में हर दो घंटे बाद उसे एक चुटकी अजवाइन चबाने को दें, बहुत जल्द उनकी शराब पीने की आदत छूट जाएगी। अजवाइन को पीस लिया जाए और नारियल तेल में इसके चूर्ण को मिलाकर ललाट पर लगाया जाए तो सिर दर्द में आराम मिलता है। अस्थमा के रोगी को यदि अजवाइन के बीज और लौंग की समान मात्रा का 5 ग्राम चूर्ण प्रतिदिन दिया जाए तो काफी फायदा होता है। अजवाइन को किसी मिट्टी के बर्तन में जलाकर उसका धुंआ भी दिया जाए तो अस्थमा के रोगी को सांस लेने में राहत मिलती है।
गले में खराश हो तो बेर के पत्ते और अजवाइन दोनों को पानी में एक साथ उबाल कर उस पानी को छानकर पी लें। नाक बंद होने पर आप अजवाइन को बारीक पीस कर उसे कपड़े में बांध कर सूंघें, आराम मिलेगा। खाने के बाद अजवाइन के साथ गुड़ खाने से सर्दी और एसिडिटी में आराम मिलता है।अजवाइन की 2 से 3ग्राम मात्रा को दिन में तीन बार लें। जुकाम, नजला और सिरदर्द में यह रामबाण दवा है। पान के पत्ते के साथ अजवाइन के बीजों को चबाया जाए तो गैस, पेट मे मरोड़ और एसीडिटी से निजात मिल जाती है।
अजवाइन, इमली के बीज और गुड़ की समान मात्रा लेकर घी में अच्छी तरह भून लेते है और फिर इसकी कुछ मात्रा प्रतिदिन नपुंसकता से ग्रसित व्यक्ति को दें।ये मिश्रण पौरुषत्व बढ़ाने के साथ-साथ शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने में भी मदद करता है। नींद न आने की समस्या हो तो 2 ग्राम अजवाइन पानी के साथ निगल लें। इससे अच्छी नींद आएगी। कान में दर्द है तो अजवाइन के तेल का इस्तेमाल करें, दर्द ठीक हो जाएगा।