loading...
loading...

ध्यान रखें ये बातें, परिवार में बनी रहेगी एकता(Keep these things in mind, will remain in the family unity)

घर के सदस्यों से, जीवनसाथी से, बच्चों से कोई काम कराना आजकल बड़ा मुश्किल हो गया है। अपने व्यवसाय या घर में जब भी किसी से काम लें, उसमें इन 4 बातों का ध्यान रखें...
1. काम का सही बंटवारा।
2. आपसी विश्वास।
3. सदस्यों में भेदभाव ना हो।
4. जिम्मेदारी का एहसास कराए।
ये चारों बातें महाभारत में पांडवों के परिवार में देखने को मिलती हैं, जिसके कारण उनका परिवार हमेशा परिस्थितियों पर विजय पाता रहा और कभी टूटा नहीं।
कैसे करें काम का बंटवारा
काम का बंटवारा ठीक से करें। यह मालूम होना चाहिए कि कौन-सा व्यक्ति क्या काम कर सकता है। बंटवारा गलत हुआ तो काम बिगड़ेगा। पांडवों में पहले माता कुंती और बाद में युधिष्ठिर ने अपने भाइयों में उनकी योग्यता के अनुसार काम का बंटवारा किया तो कभी उनमें कोई टकराव नहीं हुआ। युधिष्ठिर के पास किसी भी मामले में निर्णय लेने के सारे अधिकार थे। भीम के पास भंडार और कोष की जिम्मेदारी, अर्जुन के हाथ में सेना का बल था, नकुल और सहदेव के पास अन्य संसाधनों और चिकित्सा की जिम्मेदारी। इस तरह हर सदस्य की अपनी जिम्मेदारी थी।
जिसे काम सौंपा जाए, उस पर भरोसा करें
जिसे काम सौंपा गया है, उस पर भरोसा रखें। पांडवों में हर सदस्य को एक-दूसरे की योग्यता और निष्ठा पर इतना विश्वास था कि उनमें कभी किसी को एक जिम्मेदारी सौंपने के बाद वापस नहीं ली गई। अगर यह लगा भी कि कोई कमजोर पड़ रहा है तो सभी ने मिलकर उसकी मदद की, लेकिन उससे कभी काम वापस नहीं लिया गया।
स्त्री-पुरुष का भेद नहीं किया
स्त्री-पुरुष का भेद नहीं करें। कई लोग सोचते हैं कि महिलाएं यह काम नहीं कर पाएंगी। बस, यहीं से परेशानी शुरू हो जाती है घरों में। औरतें भी कई बार यह मान लेती हैं कि यह काम आदमी नहीं कर सकते। ऐसे में काम हो या न हो, लेकिन स्त्री-पुरुष का झगड़ा जरूर शुरू हो जाता है। पांडवों के हर निर्णय में माता कुंती और पत्नी द्रौपदी की भी राय ली जाती थी। कभी उन्हें महिला होने के नाते कम नहीं आंका गया। बल्कि उनकी सलाह पर बराबर अमल किया गया।
पांचों पांडवों को था अपनी जिम्मेदारी का एहसास
दायित्व बोध का भाव जगाना चाहिए, खासतौर पर बच्चों में। इसके अभाव में बच्चे जिम्मेदारी उठाने को तैयार नहीं होते, लेकिन सुविधाएं चाहते हैं। घर के छोटे-छोटे काम जो बच्चों के होते हैं, वे नौकर या घर के बड़े सदस्य करते हैं। एक प्रयोग करें। बच्चों को कुछ काम सौंप दें और दूर खड़े होकर देखें, लेकिन हस्तक्षेप नहीं करें। घर में पति-पत्नी, पिता-पुत्र, भाई-बहन सबके काम करने के तरीके अलग हो सकते हैं। मुद्‌दा तरीके का नहीं; काम सही करने का है, इसलिए बच्चे जिस तरीके से भी काम करें उन्हें पूरा करने दें और धैर्य रखें। अगर काम में कोई गड़बड़ हो जाए तो उसे सही करने का समय देना चाहिए। ऐसे में अगर आपको क्रोध आ रहा है, तो शांत रहें। परिवार में शांति आएगी तो खुशी और आनंद बढ़ जाएगा। वनवास के समय पांडवों में भोजन की व्यवस्था का भार भीम पर था और सुरक्षा का अर्जुन पर। द्रौपदी के पास ये जिम्मेदारी थी कि भीम को कम भोजन ना मिले और नकुल-सहदेव के साथ कोई भेदभाव ना हो। ये सारी जिम्मेदारियां कुंती ने सौंपी थी, जिसे हर सदस्य ने पूरा किया।
Theme images by konradlew. Powered by Blogger.