दस्त के घरेलु उपाय (Scouring the domestic measures)
मौसम में बदलाव के साथ ही खान-पान में भी संक्रमण का दौर शुरू हो जाता है। दस्त और हैजा जैसी समस्याओं का होना आम बात हो जाती है। खानपान में परहेज और साफ सफाई के चलते काफी हद तक इन समस्याओं से निजात पाई जा सकती है। दस्त या हैजा होने पर कुछ पारंपरिक हर्बल उपायों को अपनाया जा सकता है ताकि इसके दुष्प्रभावों से आसानी से निपटा जा सके। चलिए आज जानते हैं आदिवासियों के कुछ हर्बल नुस्खे जो अक्सर दस्त से निपटने के लिए आजमाए जाते हैं।
1. सिंदुरी पौधे की छाल (50 ग्राम) को 250 ग्राम पानी में 15 मिनिट तक उबाल लें। इसे ठंडा होने पर छानकर पीने से, दस्त में आराम मिल जाता है। इस फार्मुले का सेवन दिन में 3 बार दो दिन तक किया जाना चाहिए।
2. सीताफल की पत्तियों का काढ़ा तैयार करें। इस काढे का सेवन दिन में कम से कम चार बार करें तो दस्त में तेजी से आराम मिलेगा। काढ़ा बनाने के लिए 20 ग्राम पत्तियों को 100 मिली पानी में तब तक उबाला जाता है। जब तक कि पानी आधा ना हो जाए। इसके बाद छानकर इस काढे का सेवन किया जाता है।
3. केवकंद के कंद (5 ग्राम) को कुचलकर इसमें स्वादानुसार धनिए की हरी पत्तियां और अदरक मिलाएं व सेवन करें। पातालकोट के आदिवासियों के अनुसार लगातार दस्त होते रहने पर इस फार्मुले का सेवन दिन में कम से कम 4 बार किया जाना चाहिए। इससे दस्त में लाभ होता है व शरीर की कमजोरी भी दूर होती है।
4. पातालकोट के हर्बल जानकारों के अनुसार तेंदु के कच्चे फलों के सेवन से दस्त में आराम मिल जाता है। सुबह -शाम तेंदु का एक-एक फल कच्चा चबाने से पेट दर्द और दस्त दोनों में आराम मिलता है।
5. डांग- गुजरात में आदिवासी आम और बेल के पेड की छाल का काढा तैयार करते हैं और इसमें शहद और चीनी मिलाकर रोगी को दिन में 5 से 6 बार देते हैं। माना जाता है कि दस्त की रोकथाम के लिए यह नुस्खा काफी असरकारक होता है
6. दस्त होने पर कोकम के फलों के चूर्ण (10 ग्राम) को एक गिलास ठंडे दूध के साथ मिलाया जाए और पी लिया जाए तो तुरंत आराम मिलता है। डांग- गुजरात के हर्बल जानकारों का कहना है कि कोकम से साथ दूध हमेशा ठंडा ही लेना चाहिए वर्ना गर्म होने पर दूध खराब हो सकता है और इसी वजह से यह दस्तकारक भी हो सकता है।
7. मरोडफली का चूर्ण तैयार किया जाए और इसमें स्वाद के अनुसार अदरक और काला नमक मिलाकर फांक लिया जाए तो दस्त में काफी आराम मिलता है।
8. ज्यादा दस्त होने पर खुरची की छाल का काढा बनाकर रोगी को दिन में 2 से 3 बार देना चाहिए। पातालकोट के जानकारों के अनुसार दस्त की रोकथाम के लिए खुरची एक महत्वपूर्ण हर्बल उपाय है।