मासिक धर्म संबंधी परेशानियां
मासिक धर्म संबंधी परेशानियां
मासिक धर्म से संबधित बहुत सी परेशानियां हैं। जिनसे जिससे कम उम्र की महिला से लेकर अधिक उम्र की महिलाओं को जूझना पड़ता है। मासिक में कम रक्त स्राव हो तो दिक्कत, अधिक हो तो दिक्कत। समझ में ही नहीं आता कि क्या करें? मासिक धर्म के इन उतार चढ़ावों का महिलाओं की सेहत पर सीधा असर पड़ता है। कमजोरी, चिड़चिड़ा पन तो आम बात है। इसी से संबधिक कुछ परेशानी और उनके निदान नीचे दिए गए हैं। ध्यान से पढ़कर अमल करें, आपको निश्चित लाभ होगा।
माहवारी (पीरिएड) के दौरान दर्द रहता हो तो...
१ * दर्द से बचने के लिए आठ – दस बादाम रात में पानी में भिगोकर रख दें। सुबह छिलका उतारकर खाली पेट सेवन करें।
२ * मासिक के दौरान कमर में दर्द हो तो बरगद का दूध निकालकर कमर पर सुबह शाम मलें।
३ * तीन ग्राम कुटी हुई अदरक, ३ – ४ काली मिर्च का चूर्ण और एक बड़ी इलायची का चूर्णं, काली चाय, दूध व पानी एक साथ मिलाकर अच्छी तरह पकाएं। पानी आधा रह जाने पर उतार लें और कुनकुना ही पिएं। आपको माहवारी के दर्द में आराम मिलेगा।
४ * पीरिएड से संबधित कोई भी दिक्कत हो तो गरम पानी का सेवन अच्छा रहता है। माहवारी शुरू होने के दस दिन पहले से गरम पानी पीना शुरू कर दें।
अनियमित माहवारी
१ * गर्म दूध के साथ ५ – ६ ग्राम अजवायन खाने से लाभ होता है।
२ * दालचीनी का चूर्णं २ – ३ ग्राम पानी के साथ खाने से पीरिएड साफ होता है और शारीरिक पीड़ा भी दूर होती है।
३ * खाना खाने के समय पहले निवाले में २ – ३ ग्राम राई पीसकर खाने से माहवारी की सभी परेशानियां दूर होती हैं।
४ * यदि पीरिएड नियमित न हो तो दो सौ ग्राम गाजर का रस सुबह शाम पानी के साथ पीने से पीरिएड नियमित हो जाता है।
५ * दस ग्राम तिल को २०० ग्राम पानी में उबालें। फिर एक चौथाई रह जाने पर उसे उतारकर, उसमें गुड़ मिलाकर पिएं। पीरिएड नियमित होगा और दर्द भी दूर हो जाएगा।
६ * गुड़ के साथ काले तिल को पानी में उबालकर दिन में २ – ३ बार पीने से मासिक धर्म खुल कर होता है।
७ * तुलसी के १० – १५ बीजों को पानी मे उबालकर पीने से पीरिएड ठीक से होता है।
८ * गाजर का सूप पीने से भी माहवारी की अनियमितता दूर हो जाती है।
यदि माहवारी में अधिक रक्त स्राव हो
१ * बबूल की गोंद का चूर्णं आठ ग्राम सुबह शाम पानी के साथ पिएं। इससे अधिक मात्रा में हो रहा रक्त स्राव बंद हो जाता है।
२ * मासिक धर्म की अधिकता में विदारीकंद के चूर्णं को घी और चीनी के साथ मिलाकर चाटने से अधिक रक्त स्राव सामान्य हो जाता है।
३ * कुम्हड़े का साग घी में बनाकर खाने से या फिर उसका रस निकालकर चीनी मिलाकर सुबह शाम पीने से भी आराम मिलता है।
४ * मासिक धर्म के अधिक रक्त स्राव में दूब को पीसकर उसका रस छानकर सुबह शाम पीना चाहिए। ध्यान रहे कि रस २० ग्राम से ज्यादा न पीएं।
५ * धनिया और मिश्री बराबर मात्रा में लेकर महीन चूर्णं बनाएं और इसे १० ग्राम लेकर एक कप पानी में उबालें और ठंडा करके पीएं। रोज सुबह शाम पीने से मासिक धर्म की अधिकता दूर हो जाएगी।
६ * महानीम की कोंपलों का रस निकालकर पीने से भी मासिक धर्म सामान्य हो जाता है।
यदि कम रक्त स्राव हो रहा हो तो...
१ * अमलतास का गूदा चार ग्राम, सोंठ ३ ग्राम, नीम की छाल ३ ग्राम लेकर कुचल लें और फिर इसे १० ग्राम गुड़ के साथ मिलाकर आठ गुना पानी में पकाएं। चौथाई भाग पानी रह जाने पर उतारकर छान लें। मासिक शुरू होते ही इसे दिन में एक बार प्रतिदिन पीने से मासिक धर्म खुल कर आता है।
२ * दिन में एक – दो कच्चे प्याज खाने से महिलाओं को मासिक ठीक आता है।
३ * २ – ३ ग्राम दालचीनी का चूर्णं पानी के साथ सेवन करने से मासिक स्राव ठीक होता है।
४ * महुए के फलों की गुठली तोड़कर उसकी गिरी निकाल लें। फिर इसे पानी के साथ पीस कर गुंधे हुए आटे जैसा बना लें। फिर इसकी पतली गोलबत्तियां बनाकर सुखा लें और मासिक से १ – २ दिन पहले इसे अपने गुप्तांग में रखें। ऐसा करने से मासिक ठीक से आने लगेगा।
५ * थोड़ी सी हींग पीसकर पानी में डालकर धीमी आंच पर पकाएं। जब पानी एक तिहाई रह जाए तो उसे छानकर पिएं। इससे मासिक ठीक आएगा।
६ * सर्दियों में बैंगन का साग, बाजरे की रोटी और गुड़ नियमित रूप से खाने से लाभ होता है।