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तो दोस्तो, लड़कों की सबसे बड़ी समस्या हस्त-मैथुन को लेकर है, लिंग में कड़ापन आना, उसका बड़ा होना, आपके पौरुष की निशानी है, यदि ऐसा होता है, तो आप एक पूर्ण आनन्द भरा सेक्स करने में सक्षम पुरुष हैं।
लिंग में कड़ापन सुबह के समय सबसे ज्यादा होता है, यह अपने आप होता है, इस पर तुम्हारा कोई ज़ोर नहीं है, और ऐसे समय जब हम लिंग को छूते है तो बहुत ही आनन्दमयी अहसास होता है। यही अहसास आगे चल के हस्तमैथुन की आदत बन जाता है।
चलिए अब मैं लड़कों की उन सभी यौन समस्याओं पर आता हूँ जो उन्होंने मुझे मेल की, और विवाहित लड़कियाँ भी ध्यान दें जिन्होंने अपने पति की यौन समस्याओ के बारे में मुझे लिखा है।
1- लिंग का आकार
आकार से फर्क पड़ता है या नहीं? इसके वैज्ञानिक पहलू पर मत जाइए, रायता फैल जाएगा। लाखों-करोड़ों आदमियों के लिए यह सवाल है तो है। मर्द तो यहाँ तक सोचते हैं कि अगर बड़ा तो कितना बड़ा? क्या मेरा इतना बड़ा है, जिससे मेरी पार्टनर खुश हो सकेगी? मतलब आकार को लेकर मानसिक स्तर पर समस्या तो है भाई…
लिंग का आकार मापने का तरीका:
पूर्ण उत्थित लिंग को मापने के लिए इसके जड़ से लेकर अग्रभाग तक की लंबाई का ध्यान रखें। सामान्य अवस्था में लिंग को नापने के लिए कपड़े उतारने के तुरंत बाद के समय का ध्यान रखें, तापमान, ध्यान में भटकाव आदि के कारण आकार में फर्क पर सकता है।
सामान्य अवस्था में लिंग-आकार से न हों परेशान
कभी भी अपने सामान्य लिंग-आकार को लेकर दुविधा में न रहें। क्योंकि यही खड़ा होकर अपना आकार बदल लेता है और आपको आत्मविश्वास भी देता है।
लिंग-आकार पर इनका असर
उत्तेजना का समय, कमरे का तापमान, दिन या रात और उसमें भी कब, सेक्सुअल फ़्रीक्वेंसी जैसी कुछ चीजों पर निर्भर करता है आपके लिंग का आकार।
औसतन लिंग-आकार
खड़े मानव लिंग का औसत आकार 6 इंच तक होता है। जबकि सामान्य अवस्था में यह 2 से 4 इंच तक औसतन हो सकता है।
और भारत जैसे देश में खड़े लिंग का साइज़ 3.5 से 5.5 इंच तक होता है। उत्तेजना के समय अगर आपका लिंग 3 इंच से बड़ा है तो समझिए यह सामान्य है और यह आप की पार्टनर को संतुष्ट करने में सक्षम है।
क्योंकि लड़कियों को सम्भोग में संतुष्टि तब ज्यादा मिलती है जब आपका लिंग उनके उत्तेज़क दाने क्लाइटोरस, ज़ी स्पॉट या को रगड़ देता हुआ योनि में अंदर बाहर होता है, और फिर ये भी तो सोचो कि जब लड़कियाँ अपनी उंगली से ही हस्तमैथुन करके उत्तेजना की चरम अवस्था के बाद परम आनन्द की अवस्था में पहुँच जाती हैं और स्खलित हो जाती हैं तो किसी भी आकार का लिंग हो, वो लड़कियों की उंगली से तो बड़ा ही होता है।
योनि में केवल तीन इंच की गहराई तक ही संवेदन या आनन्द महसूस करने वाले तन्तु होते हैं।
किन लोगों के पास है बड़ा लिंग?
इस दुनिया में सिर्फ 5000 लोग ऐसे हैं जिनका लिंग 11 इंच लंबा है और ये सब असामान्य की श्रेणी में आते हैं, सेक्स संतुष्टि देने में इनका कोई जिक्र नहीं है।
वैसे जीवों में सबसे बड़े लिंग की बात करें तो एक वयस्क हाथी का लिंग लगभग 6 फीट तक का हो सकता है और वो सबसे कम सेक्स कर पाता है।
इस लिए आइन्दा लिंग के आकार को लेकर कोई चिंता ना करें, एक्सपर्ट्स तो यहाँ तक कहते हैं कि लिंग कितना भी छोटा क्यों न हो, वह महिला की योनि का घर्षण करने में सक्षम होता है इसलिए अपनी पार्टनर को खुश करने के लिए आकार का लोचा दिमाग से निकाल दें और फोरप्ले, पोजिशंस, मूवमेंट्स आदि पर ध्यान दें।
क्वांटिटी से ज्यादा क्वालिटी जरूरी होती है, यह बात हमेशा ध्यान रखिए।
2- लिंग का टेढ़ापन (इरेक्ट ऐंगल)
आपने गौर किया होगा कि उत्तेजना की अवस्था में आपका लिंग एक तरफ(आम तौर पर बाईं ओर) थोड़ा झुका रहता है। बढ़िया और मस्त सेक्सुअल इंटरकोर्स के लिए यह जो ऐंगल है, वह 106.8 डिग्री है। और लिंग टेढ़ा हो तब भी लिंग और योनि दोनों ही अपने आप को एडजस्ट कर लेते
हैं, यह कोई समस्या नहीं है।
3- स्वप्न दोष
पहली बात तो यह कि यह कोई दोष नहीं है, मर्द ज़ात के शरीर में वीर्य भी निरंतर बनता रहता है और जैसे यौवन आने पर लड़कियों में मासिक धर्म आना जरूरी होता है, उस पर लड़कियों का कोई ज़ोर नहीं होता है, ऐसे ही लड़कों में इरेक्शन होना सामान्य है।
औसतन एक मर्द को 24 घंटे में 11 बार इरेक्शन होता है, जिसमें 9 बार नींद में होता है।
नींद में यदि लिंग को बिस्तर आदि की रगड़ लग जाए या फिर कोई सेक्स स्टोरी या किसी लड़की को लेकर कामुक स्वप्न आ जाये तो वीर्य स्खलित हो जाता है, रात में अंडरवियर खराब होना किसी को अच्छा नहीं लगता लेकिन यह कोई रोग नहीं है तो इसका पूरा पूरा कोई इलाज़ नहीं है, यह उन लोगों को कम होता है जो हस्त-मैथुन करके वीर्य स्खलित करते रहते हैं।
सोने से पहले यदि उत्तेजक ख्यालों, ब्लू फिल्म्स, आदि से दूर रहा जाए तो स्वप्न दोष से बचा जा सकता है।
4- हस्तमैथुन
इसके बारे में बहुत कुछ लिखा जा चुका है और यह बहुत सामान्य प्रक्रिया है जो मानव जीवन के आरम्भ से ही पुरुष करता रहा है, न सिर्फ लड़कों में बल्कि लड़कियों में भी, और जो भी इसे करते हैं, वे इसे गलत मानते है लेकिन इसे छोड़ नहीं पाते हैं।
अगर हस्त मैथुन लिमिट में ( सप्ताह में 3-4 बार) किया जाये तो कोई समस्या नहीं है बल्कि फायदेमंद है क्योंकि हस्तमैथुन में स्खलित होने के तुरंत बाद काम भावना शून्य हो जाती है, दिमाग और मन संतुष्ट होकर तरोताजा हो जाता है तो पढ़ाई व अन्य कार्यों में अच्छा ध्यान लगता है।
हस्तमैथुन में स्खलित होते ही लड़का लड़की कसम खाते हैं कि आइन्दा नहीं करेंगे, यह गलत है लेकिन 1-2 दिन निकलते ही फिर शुरू हो जाते हैं। इसमें कुछ गलत नहीं है।
लड़कियों में हस्त-मैथुन को लेकर मैंने अपने पिछले लेख में सब कुछ लिख ही दिया है।
मेरे पास ऐसे बहुत से लड़कों के मेल आये हैं, जिन्होंने लिखा कि वे रोज़ करते हैं, दिन में एक से ज्यादा बार भी करते हैं, यह सच में चिंता का विषय है, और यह गलत भी है क्योंकि ‘अति स्रर्वत्र वर्जयेत’ यानि अति सदा हर जगह निषिद्ध है यानि अति हर चीज़ की बुरी होती है।’
और रोज़ रोज़ करने से इस काम का मज़ा भी तो धीरे धीरे कम होता जाएगा।
और दोस्तो, याद रखो हर एक लिंग के लिए एक योनि बनी है, इस लिए अपने आपको सम्भोग के लिए सक्षम बनाये रखना बहुत ज़रूरी है, जरूरत से ज्यादा हस्तमैथुन किया तो फिर अपनी पार्टनर के आगे शर्मिन्दा होना पड़ सकता है, और सेक्स में असंतुष्ट लड़की का गुस्सा होना जायज़ भी है, इसलिए हस्त मैथुन को कम करने का प्रयास करना चाहिए।
इसके लिए हफ्ते में तीन चार दिन करो और उस दिन भरपूर मज़े लेकर करो।
5- शीघ्र पतन
यह सही में एक समस्या है और बढ़ती ही जा रही है। और बहुत से पति-पत्नी के बीच कलह का कारण भी है, यह परेशानी सबके साथ होती है, मेरे साथ भी बहुत हुई है, कभी कभी तो सम्भोग के दौरान मेरी पत्नी निर्वस्त्र पड़ी मेरे लिंग घुसने का इंतज़ार ही करती रह जाती और मेरी पिचकारी पहले ही चल जाती, फिर वो रात हम दोनों के ही लिए काली रात बन जाती थी, मैं अपनी पत्नी से नज़रें मिलाने की हिम्मत भी नहीं कर पाता था।
लेकिन फिर मैंने धीरे धीरे खुद ही कोशिश की शीघ्र पतन रोकने के उपाय खोजे और सफल हुआ और इस में मेरी पत्नी ने भी मुझे सहयोग किया।
अब मैं काफी देर तक सम्भोग कर लेता हूँ और पत्नी की चीखें निकल जाती है, वो पागल सी हो जाती है।
इसके लिए मैंने आज तक कोई सेक्सवर्धक गोली या कैप्सूल नहीं खाया, अपने लंड पर कोई कड़क करने वाला तेल नहीं लगाया और ना ही कोई स्प्रे आदि का उपयोग किया लेकिन लंड कड़क और उत्तेजित बनाये रखा।
मैंने जो तरीके अपनाये, उनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है, कुछ हास्यास्पद भी है।
और कुछ ऐसे जिस से लोग सहमत नहीं होंगे, और तुम लोग सोचोगे इस से सेक्स का मज़ा कम हो जाएगा लेकिन मेरे लिए सेक्स में पत्नी से जीत और पत्नी को सेक्स संतुष्टि देना ही सर्वोपरि है, चाहे वो मुझे जैसे भी करना पड़े, मैं खुद संतुष्ट होकर सो जाने वालों में से नहीं हूँ क्योंकि सेक्स में संतुष्ट पत्नी फिर हर स्तर पर भरपूर प्यार देती है।
शीघ्र पतन और यौन इच्छा उजागर होने जैसी समस्या लड़कियों में बिल्कुल भी नहीं होती है, उनकी योनि तो लिंग निगलने के लिए तैयार ही रहती है, जबकि लड़कों या पुरुष में यौन इच्छा आते ही लिंग खड़ा हो जाता है और पपैंट या जो भी पहना हुआ हो, वो फूल जाता है, इस वजह से कभी कभी बहुत शर्मिंदगी भी महसूस होती है।
और मान लो कि वो झड़ गया तो फिर वो योनि में घुसने के काबिल ही नहीं रहता, घुसते ही झड़ गया वो और भी बुरा है।
इसे रोकने के जो उपाय मैंने खोजे, वे मैं बता रहा हूँ।
और हाँ एक बात और जो में लिखने जा रहा हूँ ये मेरे अपने तरीके है, हो सकता है आप लोग इस से सहमत न भी हों,
1- जब सेक्स में काफी दिनों का गैप आ जाए जैसा कि अक्सर टूअर पर रहने वाले मर्दों के साथ होता है, तो उन्हें सम्भोग से पहले अच्छे से हस्तमैथुन कर लेना चाहिए, वरना बहुत दिनों बाद नारी से सेक्स शुरू किया और डिस्चार्ज हुआ।
2- सेक्स के दौरान अपने आप को शुरू में ही पूर्ण निर्वस्त्र मत करो, बल्कि नारी को करो और उसे जितना ज्यादा उत्तेजित कर सकते हो वो करो, इसे ही फॉर-प्ले कहते हैं।
और कैसे करो, इस बारे में आप सब को पता होगा, अन्तर्वासना में यह सब आता ही रहता है।
3- अपने लिंग को अनावश्यक नारी के नंगे जिस्म से मत रगड़ो, उसे मुँह में देने से बचो।
4- आपको अपने लिंग के डिस्चार्ज होने का यदि पूर्वाभास हो रहा हो तो तुरंत नारी से अलग हो के बाथरूम में जाकर पेशाब कर आओ, और यदि लंड उत्तेजना के मारे बहुत ज्यादा तन्ना रहा हो तो उस पर आहिस्ता आहिस्ता एक मग सामान्य पानी डाल लो, इससे वो काफी कुछ नार्मल हो जाएगा।
5- लंड में कसावट उस की नसों में रक्त भर जाने की वजह से होती है, तो जो लोग कंडोम काम में लेते हैं उनके लिंग ज्यादा देर तक कड़क रहते हैं क्योंकि कंडोम की रिंग लंड की जड़ पर कस जाती है, इसके अलावा कंडोम का एक फायदा यह भी रहता है कि वो लंड की छूने से होने वाली संवेदनशीलता को भी कम कर देता है।
6- नारी की योनि में सम्भोग से पहले नारियल के तेल से अच्छे से मालिश करो और योनि के अंदर तक तेल लगाओ, इससे नारी जबरदस्त उत्तेजित भी हो जायेगी और लंड को योनि में प्रवेश करते समय होने वाला घर्षण भी काम होगा, क्योंकि इसी घर्षण की वजह से ही शीघ्रपतन से ग्रस्त लोगों का डिस्चार्ज हो जाता है और सम्भोग के समय लंड आसानी से अंदर-बाहर होगा और दोनों को ही ज्यादा मज़ा आएगा।
7- सम्भोग का औसत समय 2-5 मिनट का ही होता है, लेकिन यदि आप उत्तेजित होकर ज़ोर शोर से करोगे तो जल्दी भी डिस्चार्ज हो सकता है, और यदि सूझ-बूझ से करोगे तो बढ़ाया भी जा सकता है, जैसे कि सारा ध्यान सिर्फ अपनी संतुष्टि में लगाने के बजाए नारी की संतुष्टि में भी लगाओ, उससे सम्भोग की गति के बारे में पूछो और उसी हिसाब से चुदाई करो।
यहाँ लड़कियों से भी मेरा निवेदन है कि वे सम्भोग के दौरान शांत निर्जीव होकर न पड़ी रहें बल्कि पूरासहयोग करें, अपनी पसंद नापसंद खुल कर बताएं और खुद भी खुल कर सेक्स मूवमेंट करें।
8- सम्भोग का समय बढ़ाने के लिए पुरुष को अपना ध्यान कहीं और डाइवर्ट भी करना चाहिए, इससे भी समय बढ़ जाता है। जैसे कि अपने साथ हुए कभी किसी हादसे या बड़े नुक्सान को याद कर लेना, या कोई जटिल हिसाब किताब सोचने लगना (आपको सुन कर हँसी आएगी लेकिन में ध्यान कहीं और डाइवर्ट करने के लिए 59 का पहाड़ा मन ही मन बोलने की कोशिश करता हूँ।)
9- और लड़कियों को सम्भोग के दौरान जितनी ज्यादा उत्तेजक बातें या फेंटेसी सोच सकें, सोचनी चाहिए।
10- लंड तो अपना काम योनि के अंदर करता ही है इसके अलावा अपने मुख, दोनों हाथ, दोनों पैरों को भी, नारी को संतुष्ट करने में लगा देना चाहिए।
11- डिस्चार्ज का पूर्वाभास होने लगे तो चुदाई की स्पीड कम कर दें या कुछ देर रुक जाएँ।
12-सबसे महत्वपूर्ण बात लड़के और लड़कियों दोनों के ही लिए सेक्स कहानियों, ब्लू फिल्म्स में दिखाए गए सम्भोग के समय, लंड के आकार से बिल्कुल भी भ्रमित ना हों। चार इंच का लंड और दो-तीन मिनट का सम्भोग भी आपको पूर्ण सेक्स संतुष्टि दे सकता है।
कुल मिला कर सार यह है कि आप खुद अपने प्रयासों से इस समस्या पर विजय पा सकते हैं।
ऊपर लिखे सभी उपाय सिर्फ उन लोगों के लिए है जो शीघ्र-पतन का शिकार हैं, जो सक्षम है वो जैसे चाहे मज़े करें!
और यदि फिर भी समस्या गंभीर है तो इस विषय के डॉक्टर से मिलना चाहिए क्योंकि नारी को असंतुष्ट छोड़ देना बिल्कुल भी सही नहीं है।
मैं तो कहता हूँ कि जो लोग पूर्ण रूप से नपुंसक साबित हो चुके हो उन्हें शादी करनी ही नहीं चाहिए।
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