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ब्रेस्ट कैंसर (स्थन कैंसर) के लक्षण और जाँच

ब्रैस्ट कैंसर (स्तन कैंसर), जितना आम होता जा रहा है इसके प्रति लोगों में जागरूकता भी बढ़ती जा रही है। आज के दौर में, ब्रैस्ट कैंसर, इससे बचाव्, जांच, और उपचार के प्रति सही जानकारी से न सिर्फ इस बिमारी के मरीजों में कमी आ रही है, बल्कि उपचार के बाद इससे अच्छे से रिकवर होने वाली महिलाओं की संख्या में भी बढोत्तरी हो रही है। हम ब्रैस्ट कैंसर, इसके लक्षण, कारण और उपचारों पर बहुत से लेख छाप चुके हैं। एक बार फिर से हम ब्रैस्ट कैंसर के कुछ बेहद आम लक्षणों के साथ, इसके उपचार का अवलोकन कर रहें हैं।
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ब्रैस्ट कैंसर के कुछ ऐसे लक्षण जो बेहद आम हैं और किसी भी महिला को इस तरह के संकेत मिलने पर एक बार डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए-

यदि ब्रैस्ट में किसी प्रकार की कोई गाँठ महसूस हो रही हो, भले ही उसमें दर्द न हो,
यदि ब्रैस्ट के आकार में किसी प्रकार का कोई बदलाव नज़र आ रहा हो,
यदि काख (बगल) में सूजन आ रही हो,
यदि निप्पल से किसी प्रकार के तरल का रिसाव हो रहा हो,
यदि ब्रैस्ट में कोई गड्ढा दिख रहा हो
यदि ब्रैस्ट की त्वचा का रंग (लाल, नीला, पीला) किसी भी जगह से बदल रहा हो
इनके अलावा, यदि किसी महिला को ब्रैस्ट में दर्द होता हो तो यह भी स्तन कैंसर का एक लक्षण हो सकता है, लेकिन यह ज्यादातर आम नहीं है। ब्रैस्ट कैंसर का शिकार कोई भी हो सकता है, इससे बचे रहने के लिए यह बेहद जरूरी है कि इस तरह के लक्षणों पर नज़र रखी जाए जो आगे चलकर ब्रैस्ट कैंसर भी निकल सकता है।

ब्रैस्ट कैंसर की शुरुआती जाँच
जब महिला पहली बार, ब्रैस्ट कैंसर की जाँच के लिए डॉक्टर के पास जाती है, तो डॉक्टर मैमोग्राम, के द्वारा ब्रैस्ट में असामान्य बदलावों की जाँच करते हैं। मैमोग्राम के द्वारा स्तन में किसी प्रकार की कोई गाँठ है या नहीं इसका पता लग जाता है। साथ ही वह महिलाएं, जिनके घर में पहले किसी को यह समस्या हुई हो, उसे एक वर्ष में कम से कम एक बार जाकर यह जांच जरूर करा लेनी चाहिए।

अल्ट्रासाउंड और एमआरआई
यदि मेमोग्राम में डॉक्टर को किसी प्रकार का कोई संदेह होता है, तो डॉक्टर आगे कुछ और जाँच जैसे अल्ट्रासाउंड  और एमआरआई कराने की सलाह देते हैं। मैमोग्राम के बाद डॉक्टर, अल्ट्रासाउंड और एमआरआई  के द्वारा, स्तन में सिस्ट होने या न होने का पता लगाते हैं।  सिस्ट एक तरल से बहरी थैली नुमा ग़ांठ होती है, जो कैंसर हो भी सकती है और नहीं भी।

इसके बाद क्या?
यदि अल्ट्रासाउंड और एमआरआई  में जाँच में किसी प्रकार की कोई गाँठ (सिस्ट) निकलती है, तो घबराए नहीं। क्योंकि यह जरुरी नहीं है कि हर एक गाँठ कैंसर ही हो। लगभग 80 प्रतिशत गांठें कैंसर नहीं होती, सामान्य गांठें होती हैं।

एमआरआई और अल्ट्रासाउंड के बाद

अल्ट्रासाउंड और एमआरआई में सिस्ट का पता लगने के बाद, डॉक्टर यह जानने के लिए कि यह सिस्ट कैंसर है या सामान्य गांठ है, इसके लिए बायोप्सी करते हैं। बायपोसी में, डॉक्टर एक छोटी सुईं से गाँठ के कुछ उत्तकों को निकाल लेते हैं और फिर इनकी जाँच की जाती है। कभी-कभी डॉक्टर सर्जरी के द्वारा पूरी की पूरी गाँठ भी निकाल लेते हैं। गाँठ और इसके उत्तकों की जांच के द्वारा आराम से पता लगाया जा सकता है कि ब्रैस्ट में मौजूद गांठ कैंसर की है या नहीं और इसके बाद इसका उपचार शुरू किया जाता है।

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