स्वप्नदोष की सरल चिकित्सा
स्वप्नदोष की सरल चिकित्सा
आमतौर पर पाया जाता है। इस उम्र में शरीर में कई हरमोन संबंधित परिवर्तन होते हैं। फ़लस्वरूप नींद की अवस्था में लिंगोत्थान होकर वीर्य स्खलन हो जाता है। एक अजीब आनंद की अनुभूति होती है। स्वप्न दोष होना चिंता का कारण नहीं होना चाहिये। यह शरीर की स्वाभाविक प्रक्रिया है। जब शुक्राषय में जरूरत से ज्यादा वीर्य इकट्ठा हो जाता है तो उसके निकासी के तीन तरीके हैं--सेक्स के जरिये,हस्त मैथुन से और स्वप्न दोष के माध्यम से। जानकारी की कमी से लडके चिंतित हो जाते हैं और "धातु रोग" के नाम से ठगी करने वाले हकीम-वैद्यों के जाल में फ़ंस जाते है।हर छोटी बडी जगह पर ऐसे नकली यौन विशेषग्य मिल जाते हैं जो रोगी का धन और स्वास्थ्य दोनों बर्बाद कर देते हैं।
समझने वाली बात यह है कि जाने माने यौन वैग्यानिक तो स्वप्न दोष को शरीर की स्वाभाविक प्रवृति कहकर इसे रोग ही नहीं मानते। विग्यान के नजरिये से देखा जाए तो जब शरीर में वीर्य निर्माण लगातार हो रहा है लेकिन आप सेक्स नहीं करते हैं , हस्तमैथुन भी नहीं करते हैं,बावजूद इसके अगर आपको स्वप्नदोष नहीं होता है तो चिंता का विषय होना चाहिये।
खैर,यह रोग शारीरिक अथवा मनोवैग्यानिक कारणों से पैदा होता है। अगर इसके सामान्य कारण गिनावें तो हस्त मैथुन की अधिकता,स्त्रियों के कामुक स्वप्न और जननेंद्रिय की कमजोरी का उल्लेख किया जा सकता है। इस गुप्त रोग को यूंही चलते रहने देने से अन्य स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। घुटनों में दर्द,नींद की कमी,चक्कर आना याद दाश्त की खराबी और दिमागी कमजोरी अनुभव होने लगती है। अधिक स्वप्न दोष से शुक्राणु अल्पता होकर सेक्स निपुणता भी घट जाती है।
बहरहाल, आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सा में इस गुप्त रोग के लिये कई तरह के उपचार मौजूद हैं। अपने सुदीर्घ चिकित्सानुभव के प्रकाश में निम्न कारगर उपचार दे रहा हूं ----
१) शिलाजीत इस रोग की सर्व श्रेष्ठ औषधि मानी गई है। इसमें अनेक पौषक तत्व पाये जाते हैं जो संपूर्ण शरीर का स्वास्थ्य उन्नत करने का उत्तरदायित्व पूरा करते हैं। सैंकडों वर्षों से इसका उपयोग स्वप्न दोष की अधिकता को नियंत्रित करने के लिये सफ़लता पूर्वक किया जाता रहा है।
२) स्वप्न दोष रोगी के आहार में प्रचुर विटामिन "ई" होना जरूरी है। इसके ४०० एम जी के केप्सूल भी मिलते हैं। सुबह-शाम एक केप्सूल लेना उचित है। बादाम में भरपूर विटामिन "ई" मिलता है।
३) लौकी का जूस या सब्जी के रूप में उपयोग हितकर है। इसमें मौजूद फ़ाईबर लाभदायक हैं।रात को
सोने से १५ मिनट पहिले ३०० मिलि लौकी का रस पीना चाहिये। स्वाद के लिये नमक भी मिला सकते हैं। स्वप्न दोष की समस्या का समाधान करने के अलावा लौकी के रस से अनिद्रा रोग का भी निवारण हो जाता है४) आंवले का मुरब्बा इस रोग को नियंत्रित करता है।
५) केला स्वप्न दोष और प्रमेह में उपयोगी है। दो केले खाकर ऊपर से २५० मिलि गरम दूध पीना चाहिये। यह उपचार ३ महीने तक करने से आशानुकूल परिणाम मिलते हैं।
६) धनिये को पीसकर मिश्री मिलाकर पानी के साथ लेने से स्वप्नदोष समस्या का निवारण होता है।
७) सफ़ेद प्याज का रस,अदरक का रस,शहद और गाय का घी बराबर मात्रा में मिलाकर २५ ग्राम रात को सोते वक्त लेने से स्वप्नदोष नहीं होता है
८) लहसुन का प्रयोग लाभदायक है। रात को सोते वक्त २ कली लहसुन की पानी के साथ निगल जाएं। २ माह तक करें।
९) अनार के सूखे छिलके बारीक पीसलें। ५ ग्राम की मात्रा में सुबह -शाम लेने से स्वप्न दोष से निपटने में मदद मिलती है।
१०) मुलहठी का चूर्ण आधा चम्मच और आंकडे की छाल का चूर्ण एक चम्मच रोज सुबह पानी के साथ लें।
११)रात को दस ग्राम आंवले का चूर्ण पानी में भिगोदें।सुबह छानकर पीन से स्वप्नदोष में लाभ होता है।
१२) नीम के १० पत्ते रोज खाने से स्वप्नदोष जड से नष्ट होता ह३)
अनार के छिलके उतारलें। पीसकर पेस्ट बनाएं। ५ ग्राम पेस्ट सुबह शाम पानी के साथ खाना है। अनार काबुल (अफ़गानिस्तान) किस्म का हो तो ज्यादा असरदार रहेगा।१४) होम्योपैथी में भी इस रोग से निजात पाने की औषधियां हैं।एक बहुत ही कारगर नुस्खा यह है कि नक्स वोम ३० की एक खुराक रात को और सल्फ़र ३० की एक खुराक सुबह लें। १५ दिन तक लेते रहें।