शुक्राणु अल्पता निवारक सरल उपचार.
पुरुष के वीर्य में शुक्राणु होते हैं। ये शुक्राणु स्त्री के डिम्बाणु को निषेचित कर गर्भ धारण के लिये जिम्मेदार होते हैं। वीर्य में इन शुक्राणुओं की तादाद कम होने को शुक्राणु अल्पता की स्थिति कहा जाता है। शुक्राणु अल्पता को ओलिगोस्पर्मिया कहते हैं। लेकिन अगर वीर्य में शुक्राणुओं की मौजूदगी ही नहीं है तो इसे एज़ूस्पर्मिया कहा जाता है।। ऐसे पुरुष संतान पैदा करने योग्य नहीं होते हैं।
१) वीर्य का दूषित होना
२) अंडकोष पर गरमी के कारण वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या कम हो जाती है। ज्यादा तंग अन्डर वीयर पहिनने,गरम पानी से स्नान करने, बहुत देर तक गरम पानी के टब में बैठने और मोटापा होने से शुक्राणु अल्पता हो जाती है।
३) हस्तमैथुन से बार बार वीर्य स्खलित करना
४) थौडी अवधि में कई बार स्त्री समागम करना
५) अधिक शारीरिक और मानसिक परिश्रम करना
६) ज्यादा शराब सेवन करना
७) अधिक बीडी सिगरेट पीना
८) गुप्तांग की दोषपूर्ण बनावट होना
९) शरीर में ज़िन्क तत्व की कमी होना१०) प्रोस्टेट ग्रंथि के विकार
२) अंडकोष पर गरमी के कारण वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या कम हो जाती है। ज्यादा तंग अन्डर वीयर पहिनने,गरम पानी से स्नान करने, बहुत देर तक गरम पानी के टब में बैठने और मोटापा होने से शुक्राणु अल्पता हो जाती है।
३) हस्तमैथुन से बार बार वीर्य स्खलित करना
४) थौडी अवधि में कई बार स्त्री समागम करना
५) अधिक शारीरिक और मानसिक परिश्रम करना
६) ज्यादा शराब सेवन करना
७) अधिक बीडी सिगरेट पीना
८) गुप्तांग की दोषपूर्ण बनावट होना
९) शरीर में ज़िन्क तत्व की कमी होना१०) प्रोस्टेट ग्रंथि के विकार
वीर्य में शुक्राणुओं की संख्याबढाने के लिये निम्न उपाय करने का परामर्ष दिया जाता है--
१) दो संभोग या हस्त मैथुन के बीच कम से कम ४ दिन का अंतराल रखें।
२) नियमित व्यायाम और योग करें।
३) शराब और धूम्रपान त्याग दें।
४) अधिक तीक्ष्ण मसालेदार , अम्लता प्रधान और ज्यादा कडवे भोजन हानिकारक है।
५) ११ बादाम रात को पानी में भिगो दें। प्रात: छिलकर ब्लेन्डर में आधा गिलास गाय के दूध मे,एक चुटकी इलायची,केसर,अदरख भी डालकर चलाएं। यह उपचार वीर्य में शुक्राणुओं की तादाद बढाने का अति उत्तम उपाय है।
६) सफ़ेद प्याज का रस २ किलो निकालें ,इसमें एक किलो शहद मिलाकर धीमी आंच पर पकाएं। जब सिर्फ़ शहद ही बच जाए तो आंच से अलग करलें । इसमें ५०० ग्राम सफ़ेद मूसली का चूर्ण मिलाकर कांच या चीनी मिट्टी के बर्तन में भर लें। सुबह-शाम दो १० से २० ग्राम की मात्रा में लेते रहने से वीर्य में शुक्राणुओं का इजाफ़ा होता है और नपुंसकता नष्ट होती है।
७) गाजर का रस २०० ग्राम नित्य पीने से शुक्राणु अल्पता में उपकार होता है ।
८) शतावर और असगंध के ५ ग्राम चूर्ण को एक गिलास दूध के साथ पीना बेहद फ़ायदेमंद है।
९) कौंच के बीज,मिश्री,तालमखाना तीनों बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बनालें। ३-३ ग्राम चूर्ण सुबह शाम दूध के साथ लेने से शुक्राणु अल्पता समाप्त होकर पुरुषत्व बढता है।
११) याद रहे सुबह ४ बजे और अपरान्ह में शरीर में शुक्राणुओं का स्तर उच्चतम रहता है। अत: गर्भ स्थापना के लिये ये समय महत्व के हैं।
१४) शुक्राणु अल्पता में मड थिरेपी भी अच्छे परिणाम देती है।