स्तनों को सुन्दर,सुडौल,आकर्षक बनाने के सरल उपचार-
स्तन सुडोल बनाएं:घरेलू उपचार.
स्तनों को सुन्दर,सुडौल,आकर्षक बनाने के सरल उपचार-
लड़कियों में स्तन का उभार आना सामान्य तौर पर 10 से 12 वर्ष की आयु में ही शुरू हो जाता है और यह प्रक्रिया 18 वर्ष की आयु तक जारी रहती है। यद्द्पि खास तरह के ऊतकों एवं वसा (चर्बी) से निर्मित स्तन का ऊतकीय विकास वयःसंधि काल में ही पूरा हो जाता है। फिर भी शरीर पर चर्बी बढ़ने और घटने के साथ उनके आकार में वृद्धि या कमी हो सकती है।
सुडौल, पुष्ट और उन्नत स्तन नारी शरीर का सर्वाधिक आकर्षक अवयव है।लेकिन जब महिलाएं अपने स्तन की ठीक से देखभाल नहीं करती हैं तो स्तन ढीले और बेडौल हो जाते हैं और उनकी सुंदरता में काफ़ी कमी आ जाती है।
नारी स्तनों को सुडोल बनाने के लिये स्तनों की मांसपेशियों को पुष्ट करना जरूरी है। मैं यहां कतिपय प्रभावी घरेलू उपचार प्रस्तुत कर रहा हूं -1) अनार के पंचांग(फ़ल,फ़ूल,पत्तियं,छाल और जड ) से बने तैल से नियमित स्तनों की मालिश करने से स्तनों की मांसपेशियां पुष्ट होकर कसावट आती है। सरसों के तैल में अनार के पंचाग डालकर आंच पर पकाने से पंचाग तैल बन जाता है। दिन में दो बार मालिश नीचे से ऊपर की और करना कर्तव्य है। इससे स्तनों की कौशिकाओं में रक्त संचार बडी तेजी के साथ होने लगता है। स्तनों की मांसपेशियों में तंतुओं की तादाद बढने लगती है,स्तन कठोर,मजबूत और सुडौल होने लगते है।इस उपचार के कोई आनुषंगिक दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। दो तीन महीने के उपचार से आशानुकूल परिणाम आते हैं।
4) एक आयुर्वेदिक लेप के नियमित उपयोग से स्तन सुडौल और उत्तेजक बनाये जा सकते हैं। लेप निर्माण विधि नोट करलें-
माजूफ़ल,शतावर,छोटी ईलायची ,कमलगट्टे की मिंगी का पावडर,अनार का पंचांग और लसोड की पत्तियों का सत्व ये सभी चीजें लेकर लेप तैयार कर स्तनों पर भली प्रकार लेप करें॥ इस लेप से स्तनों की मांसपेशियों की ताकत बढती है ,स्तनों का आकार बढता है और सुडौल बनते हैं। एक दो माह का उपचार जरूरी है।
5) स्तन मुख्यत: चर्बी और दुग्ध ग्रंथियों के ऊतकों से निर्मित होते हैं। बडे स्तनों में छोटे स्तनों के मुकाबले ज्यादा चर्बी होती है। इसलिये मेरा सुझाव है कि स्तनों का आकार बढाने और आकर्षक बनाने की ईच्छुक स्त्रियों को उत्तम क्वालिटी की वसा में समृद्ध भोजन की और ज्यादा ध्यान देना चाहिये। सूखे मेवे,बादाम,काजू,अलसी के बीज ,सोयाबीन के बीज,जेतुन का तेल और मछली में उत्तम क्वालिटी की वसा पाई जाती है। दूध व इसके उत्पाद भी हितकारी हैं। भोजन में इन चीजों को प्रचुरता से ग्रहण करना प्रयोजनीय है।अगर आप नियमित रूप से उत्तम वसा वाले पदार्थ भोजन में लेंगी तो कुछ ही महीनों में आशानुकूल परिणाम प्राप्त होंगे।यदि वंशानुगत शारीरिक दुबलापन न हो तो उचित आहार और हलके व्यायाम से शरीर को पुष्ट और सुडौल बनाया जा सकता है। जब पूरा शरीर हृष्ट-पुष्ट हो जाएगा तो स्तन भी विकसित और पुष्ट हो जाएंगे। शरीर बहुत ज्यादा दुबला-पतला, चेहरा पिचका हुआ और आंखें धंसी हुई होंगी तो यही हालत स्तनों की भी होना स्वाभाविक है।
६) स्तनों को उन्नत,सुडौल और आकर्षक बनाने के लिये कुछ विटामिन्स का उपयोग करना उचित है। मल्टी विटामिन की गोलियां जिनमे विटामिन ए,ई और सी अपेक्षित मात्रा में हो नियमित सेवन से लाभ उठाया जा सकता है।
७) मैथी बीज में स्तनो को विकसित करने के तत्व होते हैं। इसमे एस्ट्रोजिन हार्मोन की तरह का तत्व होता है जो स्तनों को उभारने में मदद करता है। मैथी प्रोलेक्टीन हार्मोन पैदा करने में भी सहयोग करता है। ये दोनों हार्मोन स्तनों के विकास और उनको आकर्षक बनाने में महती भूमिका निर्वाह करते है।
८) स्तनों के अविकसित रहने का एक कारण शरीर में टेस्टोस्टरोन हार्मोन की मात्रा बढ जाना है। टेस्टोस्टरोन पुरुषत्व बढाने वाला हार्मोन है। यह हार्मोन स्तन-विकास में बाधक है।अत: टेस्टोस्टरोन के प्रभाव को कम करने के लिये एस्ट्रोजिन हार्मोन -समृद्ध भोजन पदार्थ लेना चाहिये। यह भी बतादें कि सेवफ़ल,टमाटर,पपीता और अनार अति उपयोगी फ़ल हैं जिनमें पर्याप्त एस्ट्रोजिन होता है। सब्जियों में कद्दू,गाजर,आलू,और खीरा ककडी ,प्याज,चुकंदर,शलजम, पत्तागोभी,फ़ूलगोभी उत्तम हैं। दूध और सोयाबीन से निर्मित पदार्थ भी एस्ट्रोजिन के अच्छे स्रोत हैं।जौ, और भूरे चावल भी हितकारी पदार्थ हैं|
९) प्याज का उपयोग स्तनों को चुस्त ,उन्नत ,विकसित करने हेतु किया जा सकता है। प्याज के ताजा रस में शहद और् हल्दी मिलाकर इस मिश्रण से स्तनों की नियमित मालिश करने से लटकते हुए ढीले स्तनों को कसावट में लाया जा सकता है।मालिश करने के बाद ब्रा पहिनलें। अगले दिन स्नान करना चाहिये।
१०) चिकन मे एस्ट्रोजिन की भरपूर मात्रा होती है। स्तनों को बडा और कसावट युक्त बनाने के लिये अपने भोजन में चिकन को प्राथमिकता देनी चाहिये।
लड़कियों में स्तन का उभार आना सामान्य तौर पर 10 से 12 वर्ष की आयु में ही शुरू हो जाता है और यह प्रक्रिया 18 वर्ष की आयु तक जारी रहती है। यद्द्पि खास तरह के ऊतकों एवं वसा (चर्बी) से निर्मित स्तन का ऊतकीय विकास वयःसंधि काल में ही पूरा हो जाता है। फिर भी शरीर पर चर्बी बढ़ने और घटने के साथ उनके आकार में वृद्धि या कमी हो सकती है।
सुडौल, पुष्ट और उन्नत स्तन नारी शरीर का सर्वाधिक आकर्षक अवयव है।लेकिन जब महिलाएं अपने स्तन की ठीक से देखभाल नहीं करती हैं तो स्तन ढीले और बेडौल हो जाते हैं और उनकी सुंदरता में काफ़ी कमी आ जाती है।
नारी स्तनों को सुडोल बनाने के लिये स्तनों की मांसपेशियों को पुष्ट करना जरूरी है। मैं यहां कतिपय प्रभावी घरेलू उपचार प्रस्तुत कर रहा हूं -1) अनार के पंचांग(फ़ल,फ़ूल,पत्तियं,छाल और जड ) से बने तैल से नियमित स्तनों की मालिश करने से स्तनों की मांसपेशियां पुष्ट होकर कसावट आती है। सरसों के तैल में अनार के पंचाग डालकर आंच पर पकाने से पंचाग तैल बन जाता है। दिन में दो बार मालिश नीचे से ऊपर की और करना कर्तव्य है। इससे स्तनों की कौशिकाओं में रक्त संचार बडी तेजी के साथ होने लगता है। स्तनों की मांसपेशियों में तंतुओं की तादाद बढने लगती है,स्तन कठोर,मजबूत और सुडौल होने लगते है।इस उपचार के कोई आनुषंगिक दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। दो तीन महीने के उपचार से आशानुकूल परिणाम आते हैं।
2) असगंध और शतावरी बराबर की मात्रा में लेकर भली प्रकार पीसकर चूर्ण बनाएं। इस चूर्ण को गाय के घी में अच्छी तरह मिलाकर सुरक्षित रख लें। १० ग्राम चूर्ण शहद से मीठे किये गये दूध के साथ सेवन करें। स्तनों के आकार में वृद्धि होकर सुडौल और आकर्षक दिखेंगे।
3) असगंध,गजपीपल और बच बराबर मात्रा मे लेकर महीन चूर्ण बनाएं । इसे मक्खन के साथ भली प्रकार मिलाकर स्तनों पर लगाएं। स्तन उन्नत उभारवाले और सुडौल बनाने का उत्तम उपचार है।
4) एक आयुर्वेदिक लेप के नियमित उपयोग से स्तन सुडौल और उत्तेजक बनाये जा सकते हैं। लेप निर्माण विधि नोट करलें-
माजूफ़ल,शतावर,छोटी ईलायची ,कमलगट्टे की मिंगी का पावडर,अनार का पंचांग और लसोड की पत्तियों का सत्व ये सभी चीजें लेकर लेप तैयार कर स्तनों पर भली प्रकार लेप करें॥ इस लेप से स्तनों की मांसपेशियों की ताकत बढती है ,स्तनों का आकार बढता है और सुडौल बनते हैं। एक दो माह का उपचार जरूरी है।
5) स्तन मुख्यत: चर्बी और दुग्ध ग्रंथियों के ऊतकों से निर्मित होते हैं। बडे स्तनों में छोटे स्तनों के मुकाबले ज्यादा चर्बी होती है। इसलिये मेरा सुझाव है कि स्तनों का आकार बढाने और आकर्षक बनाने की ईच्छुक स्त्रियों को उत्तम क्वालिटी की वसा में समृद्ध भोजन की और ज्यादा ध्यान देना चाहिये। सूखे मेवे,बादाम,काजू,अलसी के बीज ,सोयाबीन के बीज,जेतुन का तेल और मछली में उत्तम क्वालिटी की वसा पाई जाती है। दूध व इसके उत्पाद भी हितकारी हैं। भोजन में इन चीजों को प्रचुरता से ग्रहण करना प्रयोजनीय है।अगर आप नियमित रूप से उत्तम वसा वाले पदार्थ भोजन में लेंगी तो कुछ ही महीनों में आशानुकूल परिणाम प्राप्त होंगे।यदि वंशानुगत शारीरिक दुबलापन न हो तो उचित आहार और हलके व्यायाम से शरीर को पुष्ट और सुडौल बनाया जा सकता है। जब पूरा शरीर हृष्ट-पुष्ट हो जाएगा तो स्तन भी विकसित और पुष्ट हो जाएंगे। शरीर बहुत ज्यादा दुबला-पतला, चेहरा पिचका हुआ और आंखें धंसी हुई होंगी तो यही हालत स्तनों की भी होना स्वाभाविक है।
६) स्तनों को उन्नत,सुडौल और आकर्षक बनाने के लिये कुछ विटामिन्स का उपयोग करना उचित है। मल्टी विटामिन की गोलियां जिनमे विटामिन ए,ई और सी अपेक्षित मात्रा में हो नियमित सेवन से लाभ उठाया जा सकता है।
७) मैथी बीज में स्तनो को विकसित करने के तत्व होते हैं। इसमे एस्ट्रोजिन हार्मोन की तरह का तत्व होता है जो स्तनों को उभारने में मदद करता है। मैथी प्रोलेक्टीन हार्मोन पैदा करने में भी सहयोग करता है। ये दोनों हार्मोन स्तनों के विकास और उनको आकर्षक बनाने में महती भूमिका निर्वाह करते है।
८) स्तनों के अविकसित रहने का एक कारण शरीर में टेस्टोस्टरोन हार्मोन की मात्रा बढ जाना है। टेस्टोस्टरोन पुरुषत्व बढाने वाला हार्मोन है। यह हार्मोन स्तन-विकास में बाधक है।अत: टेस्टोस्टरोन के प्रभाव को कम करने के लिये एस्ट्रोजिन हार्मोन -समृद्ध भोजन पदार्थ लेना चाहिये। यह भी बतादें कि सेवफ़ल,टमाटर,पपीता और अनार अति उपयोगी फ़ल हैं जिनमें पर्याप्त एस्ट्रोजिन होता है। सब्जियों में कद्दू,गाजर,आलू,और खीरा ककडी ,प्याज,चुकंदर,शलजम, पत्तागोभी,फ़ूलगोभी उत्तम हैं। दूध और सोयाबीन से निर्मित पदार्थ भी एस्ट्रोजिन के अच्छे स्रोत हैं।जौ, और भूरे चावल भी हितकारी पदार्थ हैं|
९) प्याज का उपयोग स्तनों को चुस्त ,उन्नत ,विकसित करने हेतु किया जा सकता है। प्याज के ताजा रस में शहद और् हल्दी मिलाकर इस मिश्रण से स्तनों की नियमित मालिश करने से लटकते हुए ढीले स्तनों को कसावट में लाया जा सकता है।मालिश करने के बाद ब्रा पहिनलें। अगले दिन स्नान करना चाहिये।
१०) चिकन मे एस्ट्रोजिन की भरपूर मात्रा होती है। स्तनों को बडा और कसावट युक्त बनाने के लिये अपने भोजन में चिकन को प्राथमिकता देनी चाहिये।